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रांची : सरकार ने आज पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया, पारा शिक्षकों से काम पर लौटने की अपील

रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने आंदोलनकारी पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया है. 25 दिसंबर को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि वार्ता के लिए आमंत्रित हैं. सरकार उनसे वार्ता के लिए इच्छुक है. यदि किसी कारणवश 25 दिसंबर को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य वार्ता के लिए नहीं आ पाते हैं, […]

रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने आंदोलनकारी पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया है. 25 दिसंबर को एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि वार्ता के लिए आमंत्रित हैं. सरकार उनसे वार्ता के लिए इच्छुक है.
यदि किसी कारणवश 25 दिसंबर को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य वार्ता के लिए नहीं आ पाते हैं, तो सरकार 26 दिसंबर को भी उनका इंतजार करेगी. उक्त बातें शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने झारखंड मंत्रालय परिसर स्थित सभागार में प्रेस कांफ्रेंस कर कही. वहीं, शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षकों से काम पर लौटने की अपील भी की.
वार्ता से ही समाधान : शिक्षा मंत्री ने कहा कि वार्ता से ही समस्या का समाधान होगा, यह सरकार का भी मानना है.सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा. छात्रहित में हड़ताल समाप्त होना जरूरी है. सरकार अधिक दिनों तक इंतजार नहीं कर सकती है. हड़ताल समाप्त नहीं होती है, तो सरकार को छात्र हित में मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ेगा.
स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है. काफी संख्या में स्कूल बंद भी हो गये हैं. पारा शिक्षकों को भी अपनी मांगों के समाधान के लिए वार्ता के लिए आगे आना होगा.
समाधान वार्ता से ही निकलेगा. मंत्री ने कहा कि सरकार यह मानती है कि पारा शिक्षक सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्कूलों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. बहुमत की सरकार ने पारा शिक्षकों को अधिक से अधिक देने का प्रयास किया है. उनकी समस्याओं के समाधान निकालने का हमेशा प्रयास किया है. सरकार पारा शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है.
सरकार ने सम्मानजनक मानदेय बढ़ाया : शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के पूर्व पारा शिक्षकों का जो मानदेय मिलता था, उसे हमारी सरकार ने बढ़ा कर एक सम्मानजनक स्थिति में लाया है. विशेष समिति की अनुशंसा पर सरकार ने अमल करते हुए मानदेय में पुनः बढ़ोतरी की है. बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में पारा शिक्षकों को मिलनेवाली सुविधाओं का अध्ययन कर विशेष समिति ने अपनी अनुशंसा की थी.
वर्ष 2016 में सरकार ने आदेश जारी किया था कि संतोषजनक सेवा पाये जाने पर पारा शिक्षक 60 वर्ष तक काम करेंगे. कल्याण कोष का भी गठन किया गया है. पांच करोड़ की राशि को बढ़ा कर 10 करोड़ कर दिया गया है. महिला पारा शिक्षकों को विशेष अवकाश, मातृत्व अवकाश आदि की सुविधाएं दी जा रही हैं. पूर्व के समझौते को सरकार के स्तर से लागू किया गया है.
31 मार्च 2019 तक अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित हो जाना है : विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मिलनेवाली सुविधाओं का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि झारखंड सरकार पारा शिक्षकों को अधिक सुविधाएं दे रही हैं. छत्तीसगढ़ में सभी प्रशिक्षित हैं. झारखंड में वर्तमान में जो पारा टीचर हैं, उसमें लगभग 13,000 ही टेट पास हैं. 31 मार्च 2019 तक अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित हो जाना है. अन्यथा वे शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे. इस अवसर पर शिक्षा विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे.
रांची : विपक्ष ने सरकार से मांगा जवाब सत्ता पक्ष बहस के लिए है तैयार
रांची : राज्य में पारा शिक्षकों के आंदोलन को लेकर विधानसभा भी गरम है़ विपक्ष पारा शिक्षकों की मांगें पूरी करने के लिए सरकार पर विधानसभा के माध्यम से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है़
शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार व सदन की कार्यवाही में गतिरोध बनेगा़ शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही सत्र शुरू होते ही विपक्ष के विधायक पारा शिक्षकों के समर्थन में उतर आये. स्पीकर दिनेश उरांव ने सोमवार को सत्र के पहले दिन सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्यमंत्रणा की बैठक बुलायी़.
इस बैठक में विपक्ष की ओर से कहा गया कि सरकार सदन के अंदर पारा शिक्षकों के मुद्दे पर ठोस जवाब दे़ उनकी मांगों को लेकर सरकार अपना रुख स्पष्ट करे़ वहीं, सत्ता पक्ष पारा शिक्षकों के मामले में बहस कराने की बात कर रहा है़
सत्ता पक्ष का कहना था कि इससे स्थिति स्पष्ट हो जायेगी और सभी को अपनी बातें रखने का मौका मिलेगा़ कार्यमंत्रणा की बैठक में पक्ष-विपक्ष के बीच गतिरोध दूर करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पायी़ उधर, साेमवार को सत्र शुरू होते ही झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने यह मामला उठाते हुए कहा कि राज्य के 70 हजार पारा शिक्षक 35-36 दिनों से आंदोलनरत हैं. कई पारा शिक्षकों की मौत हो गयी है़ सरकार को इनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए़ श्री यादव के मामला उठाते ही झामुमो विधायकों भी पारा शिक्षकों के समर्थन में उतर आये़ विपक्षी विधायकों ने हो-हल्ला शुरू कर दिया़
झामुमो विधायक रवींद्र महतो, जगन्नाथ महतो, कुणाल षाडंगी सहित कई विधायक जोर-जोर से अपनी बातें रखने लगे़ माले विधायक राजकुमार यादव वेल में घुस कर अपनी बातें रखने लगे़ कांग्रेस विधायक मनोज यादव, बादल पत्रलेख, आलमगीर आलम, इरफान अंसारी सहित कई विधायक पारा शिक्षकों की मांग पूरी करने की बात कह रहे थे़
स्पीकर दिनेश उरांव के आग्रह के बाद विपक्षी विधायक शोक प्रस्ताव के लिए तैयार हुए़ संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा को शोर-शराबे के बीच अनुपूरक सहित दूसरे विधायी कार्य पूरे करने पड़े़ इधर, सत्ता पक्ष भी पारा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में उतर आया है़
सत्ता पक्ष के विधायक राधाकृष्ण किशोर ने ध्यानाकर्षण के तहत मामला सदन में लाने का आवेदन दिया है़ श्री किशोर ने कहा है कि राज्य के पारा शिक्षक हड़ताल पर है़ं राज्य में शैक्षणिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इस मामले में सरकार जल्द निर्णय ले़

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