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तीन राज्यों के चुनाव परिणाम का अंडर करंट भांप रहे हैं झारखंड के सांसद, राज्य सरकार को दी ये नसीहत

आनंद मोहन/सतीश कुमार स्थानीय मुद्दों पर हो गंभीर, मसले सुलझाये, नाराजगी दूर करे तीन राज्यों के चुनाव के बाद पार्टी को मिली शिकस्त के बाद राज्य के सांसद 2019 के अंडर करंट को भांपने में लगे है़ं राज्यों के चुनाव परिणाम से सांसद सकते में है़ं झारखंड के राजनीतिक हालात और सरकार के कामकाज पर […]

आनंद मोहन/सतीश कुमार
स्थानीय मुद्दों पर हो गंभीर, मसले सुलझाये, नाराजगी दूर करे
तीन राज्यों के चुनाव के बाद पार्टी को मिली शिकस्त के बाद राज्य के सांसद 2019 के अंडर करंट को भांपने में लगे है़ं राज्यों के चुनाव परिणाम से सांसद सकते में है़ं झारखंड के राजनीतिक हालात और सरकार के कामकाज पर इनकी नजर है़
राज्य के कई ऐसे मसले हैं, जिनके समाधान के लिए पहल कर रहे है़ं संसद में इन पर सवाल उठाने से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्र लिख रहे है़ं पारा शिक्षक, स्कूल मर्जर, अनुबंध कर्मियों की मांग सहित भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर सांसद बेबाक है़ं
प्रभात खबर ने तीन राज्यों के चुनाव, झारखंड के राजनीतिक हालात और मुद्दों पर बात की़ सांसद ने बेबाकी से अपनी बातें रखी़ं राज्य सरकार से स्थानीय मुद्दों को जल्द से जल्द सुलाझाने की बात कह रहे है़ं लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए संवाद कायम करने को कहा़
स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज न करें
सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि किसी भी चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं. विकास के अलावा भी कई चीजें होती हैं, जो चुनाव को प्रभावित करती हैं.
विकास होने के बावजूद स्थानीय मुद्दे पूरे नहीं होने पर वह लोगों को दिलों में घर कर जाते हैं. इसका असर चुनाव में पड़ता है. झारखंड में भी लोकसभा व विधानसभा चुनाव से पहले सभी विवादित मुद्दों का निबटारा हो जाना चाहिए. तीन राज्यों में मिली हार की समीक्षा नेताओं को तत्काल करनी चाहिए. स्थानीय मुद्दों का समाधान नहीं होने पर विपक्षी दलों को अवसर मिलता है. इसका ध्यान रखने की जरूरत है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का परिणाम अप्रत्याशित रहा है. मैं वहां नहीं गया था, इसलिए हार के कारणों के बारे में नहीं बता सकता हूं. इसके अलग-अलग कारण बताये जा रहे हैं.
अगर स्थानीय मुद्दे का समाधान तत्काल किया जाये. कार्यकर्ता का सम्मान किया जाये और रायशुमारी के बाद काम किया जाये, तो समस्याएं उत्पन्न नहीं होंगी.
मैंने समय-समय पर सरकार को ध्यान स्थानीय मुद्दों पर आकृष्ट कराया है. सरकार व पारा शिक्षक मामले को प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनायें. मिल-बैठ कर समस्या का समाधान करें. दोनों को पहल करनी होगी. मैंने संसद में भी पारा शिक्षकों व स्कूल मर्जर के सवाल को उठाया है.
लोग नाराज हैं, नाराजगी जल्द दूर करें, आपस में बैठें
खूंटी के सांसद कड़िया मुंडा ने कहा है कि तीन राज्यों में वर्षों से भाजपा की सरकार थी़ लोगों को टेस्ट चेंज करना था़ विकास का काम हुआ, लेकिन कुछ लोग भी थे़ झारखंड में भी कई समस्याएं हैं, जिन पर ध्यान देना होगा़ नेताओं को साथ में बैठना-उठना होगा़ इसमें कमी है़
संवादहीनता की स्थिति है़ इसे दूर करना होगा़ राय-विचार होना चाहिए़ स्थानीय समस्याएं भी है़ं पारा शिक्षक, अनुबंध कर्मी, भूमि अधिग्रहण सहित कई मुद्दों पर नाराज हैं, तो नाराजगी दूर करनी होगी. मैं मुख्यमंत्री नहीं हू़ं यह सब मुख्यमंत्री को देखना होगा़ समस्या का समाधान होना चाहिए़ इश्यू पर बात होनी चाहिए़ पार्टी नेता मिल बैठकर स्थिति संभाल सकते है़ं
कमियां और कमजोरी को दूर करना होगा
सां सद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि तीन राज्यों के चुनाव परिणाम को भाजपा के लिए बड़ा झटका है. ऐसे परिणाम की अपेक्षा नहीं थी. पार्टी नेतृत्व को आत्ममंथन करने की जरूरत है. तीन-चार माह में लोकसभा का चुनाव होना है.
ऐसे में पार्टी नेतृत्व तथा कार्यकर्ताओं को अपनी तैयारी तेज करनी होगी. जो भी कमियां व कमजोरियां हैं, उन्हें दूर करनी होंगी. ताकि 2014 की सफलता 2019 में फिर से दाेहरायी जा सके. मोदी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुंचाना होगा. बहुत सारे अच्छे काम का भी श्रेय भाजपा सरकार को नहीं मिल पाया. साथ ही इन योजनाओं का लाभ इस चुनाव में पार्टी को नहीं मिल पाया.
फुंसी का इलाज हो, फोड़ा बनने का इंतजार न करें
गिरिडीह के सांसद रवींद्र पांडेय ने कहा कि तीन राज्यों में कांग्रेस ने जनता दिग्भ्रमित कर चुनाव जीता है़ जनता को झूठा आश्वासन दिया गया है़ विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होते है़ं चुनाव से पहले सरकार को सभी प्रकार के स्थानीय मुद्दों का निपटारा कर लेना चाहिए़
किसी भी बीमारी का इलाज पहले होना चाहिए़ छोटी-सी फुंसी फोड़ा बन जाती है़ पारा टीचर की मांगों पर शालीनतापूर्वक विचार होना चाहिए़ वैसे स्कूल जिनका मर्जर किया जा रहा है, उनका आकलन करना चाहिए कि आखिर उनमें पढ़नेवाले बच्चे कहां गये़ सरकार को इसपर चिंतन करना चाहिए़ ज्यादा स्कूल खोलने चाहिए, ताकि ग्रामीण बच्चे शिक्षित हो सके़ं
राजनीतिक जीवन में स्कूल बंद करते नहीं देखा
को डरमा सांसद रवींद्र राय ने कहा कि तीन राज्यों में हार की समीक्षा केंद्रीय नेतृत्व करेगा़ हम इन राज्यों में लंबे समय थे़ कहीं ना कहीं जमीनी कार्यकर्ता वोटरों से संवाद नहीं कर पाये होंगे़ फिर लंबे समय से रहने के कारण कार्यकर्ता-समर्थकों की व्यक्तिगत अपेक्षाएं हाेती है़ं
स्थानीय इश्यू का असर चुनाव में होता है़ झारखंड में भी जो ऐसे मुद्दे हैं, उसे चुनाव पूर्व सलट लेंगे़ उम्मीद है कि चुनाव से पहले सारे मामले ठीक हो जायेंगे़ मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी किसी सरकार को स्कूल बंद करते नहीं देखा़ यह जनभावना के विपरित है़ उम्मीद है कि सरकार ऐसे मामले को गंभीरता से लेगी़ पारा शिक्षकों के मामले का हल किया जाना चाहिए़
Prabhat Khabar Digital Desk
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यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

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