29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पंचायतनामा विशेष : ग्रामसभा की ताकत देखनी है, तो जमीरा पंचायत आइए

प्रखंड : दुलमी जिला : रामगढ़ ।। गुरुस्वरूप मिश्रा ।। न लोकसभा, न विधानसभा. सबसे ऊंची ग्रामसभा. पंचायत में ग्रामसभा की ताकत देखनी है, तो जमीरा पंचायत आइए. रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड की जमीरा पंचायत की महिला मुखिया देवंती देवी महिला समूह के हौसले से बदलाव की नयी लकीर खींच रही हैं. घर की […]

प्रखंड : दुलमी

जिला : रामगढ़

।। गुरुस्वरूप मिश्रा ।।

न लोकसभा, न विधानसभा. सबसे ऊंची ग्रामसभा. पंचायत में ग्रामसभा की ताकत देखनी है, तो जमीरा पंचायत आइए. रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड की जमीरा पंचायत की महिला मुखिया देवंती देवी महिला समूह के हौसले से बदलाव की नयी लकीर खींच रही हैं. घर की देहरी के अंदर रहकर घरेलू काम निबटाने वाली महिलाएं अब अपने बुलंद हौसलों से न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि जागरूकता से इस पंचायत को नयी ताकत दे रही हैं.

ग्रामसभा की ताकत का ही असर है कि अब गांव की महिलाओं को न सिर्फ घरेलू प्रताड़ना से छुटकारा मिला है, बल्कि घर की बंद दुनिया से बाहर निकलकर उनमें कुछ कर पाने का आत्मविश्वास भी जगा है. मुखिया की सक्रियता से पंचायत की तस्वीर बदलने लगी है. ग्रामसभा के उत्कृष्ट कार्यों को लेकर इस पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार दिया गया है.

मॉडल पंचायत जमीरा को जानिए

तीन राजस्व गांव-जमीरा, बहातू व जरियो, 800 घर, 12 वार्ड, पांच हजार की आबादी, 60 फीसदी मुस्लिम आबादी, एक स्वास्थ्य उपकेंद्र, 11 आंगनबाड़ी केंद्र और हाईस्कूल समेत 4 विद्यालय. हर बच्चा स्कूल जाता है. पेड़-पौधों से भरी और स्ट्रीट लाइट से रोशन जमीरा पंचायत की यही तस्वीर है. ये मॉडल पंचायत है.

महिला समूह है इनकी ताकत

जमीरा पंचायत की असली ताकत यहां की महिला समूह है. करीब हर घर की महिलाएं महिला समूह से जुड़ी हुई हैं. यहां 86 महिला समूह हैं यानी करीब एक हजार महिलाएं समूह से जुड़ कर खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं. ग्रामसभा में इनकी अच्छी खासी उपस्थिति से सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी हर घर में आसानी से पहुंच जाती है. इसका लाभ ये होता है कि पंचायत में इसका असर दिखता है. बात नशामुक्ति अभियान की सफलता की हो, कुपोषण की, घरेलू प्रताड़ना की, स्वच्छ भारत अभियान की या डायन बिसाही को लेकर जागरूकता की.

नशामुक्ति में गांव की महिलाओं ने दिया साथ

बीएड पास मुखिया देवंती देवी बताती हैं कि महिला होने के नाते उनके लिए बदलाव की राह इतनी आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. महिलाओं को ही अपनी ताकत बनाना शुरू किया. ग्रामसभा में उनकी अच्छी खासी भागीदारी होने लगी. वो खुल कर अपनी बातें शेयर करने लगीं. उन्हें भरोसे में लेकर नशामुक्ति का अभियान चलाया. महिलाएं उनके साथ थीं. पंचायत की महिलाएं एकजुट होकर सड़क पर उतरीं और इसका विरोध किया. इसका असर हुआ. पहले की तरह अब शराब पीकर कोई सड़क पर हंगामा करता नहीं दिखेगा.

अब कोई थाना नहीं जाता, घरेलू प्रताड़ना भी थम गया

नशामुक्ति अभियान में महिलाओं के साथ देने से मिली सफलता ने सामाजिक बदलाव की ताकत दी. उनका हौसला बढ़ा. पंचायत की महिलाओं का भी आत्मविश्वास जगा. घरेलू प्रताड़ना सह रही महिलाओं में भी नयी आस जगी. वो उम्मीद भरी नजरों में उन्हें देखने लगीं. इन महिलाओं के साहस का असर ये हुआ कि घर में उन्हें अब कोई प्रताड़ित करने की हिम्मत नहीं करता. विवाद हुआ भी, तो कोई थाना नहीं जाता. लोग सीधे उनके पास आते हैं. रोजाना एक-दो शिकायतों का निबटारा करती रहती हैं. अबतक करीब 250 पारिवारिक मामले निबटा चुकी हैं.

जागरूकता से बदली स्थिति

डायन-बिसाही और कुपोषण को लेकर लोगों को ग्रामसभा के माध्यम से जागरूक किया गया. पहले डायन-बिसाही को लेकर अक्सर विवाद होता था. लड़ाई-झगड़ा और मारपीट तक की नौबत आ जाती थी. ग्रामसभा में लोगों को इससे जागरूक किया गया. उन्हें बताया गया कि ये अंधविश्वास है. ऐसा कुछ नहीं होता. नतीजा सामने है. हालात बदल गये.

जीरो ड्रॉप आउट पंचायत

ग्रामसभा की सक्रियता का ही नतीजा है कि इस पंचायत का कोई बच्चा घर में नहीं मिलेगा. प्राथमिक, मध्य विद्यालय व हाइस्कूल समेत चार विद्यालय हैं. सभी बच्चे स्कूल जाते हैं.

पाइप लाइन से पेयजलापूर्ति

800 घरों वाले इस पंचायत के करीब 100 घरों में पाइपलाइन से पेयजलापूर्ति की जा रही है. शेष घरों में पेयजलापूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. पेयजलापूर्ति के एवज में हर घर से महीने में 62 रुपये लिए जाते हैं.

खुले में शौच से मुक्त

रामगढ़ जिले का दुलमी प्रखंड राज्य का पहला ओडीएफ प्रखंड है, यानी खुले में शौच से मुक्त प्रखंड, जिसमें जमीरा पंचायत आती है. इस पंचायत में 897 शौचालयों का निर्माण किया गया है. मुखिया बताती हैं कि लोगों को ग्रामसभा के जरिए हमेशा शौचालय के उपयोग को लेकर जागरूक किया जाता है.

24 घंटे ममता वाहन की सुविधा

सुरक्षित प्रसव के लिए भी ग्रामसभा की भूमिका सराहनीय है. मुखिया कहती हैं कि सुरक्षित प्रसव के लिए 24 घंटे ममता वाहन की सुविधा उपलब्ध है. इसके जरिए पंचायत की महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा दी जाती है.

स्ट्रीट लाइट से है रोशन

पहली बार मुखिया बनीं देवंती देवी कहती हैं कि ग्रामसभा में ही गांव के विकास की योजनाएं ग्रामीणों की मर्जी से प्राथमिकता के आधार पर तय की जाती हैं. गांव के लिए जरूरी पुल हो, कब्रिस्तान की चहारदीवारी या सड़क समेत अन्य विकास योजनाएं. पंचायत को रोशन करने के लिए 100 स्ट्रीटलाइट लगायी गयी है. 14वें वित्त आयोग की राशि से सभी घरों में बिजली की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.

नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर 24 अप्रैल 2018 को जमीरा पंचायत की मुखिया देवंती देवी को ग्रामसभा के उत्कृष्ट कार्यों को लेकर नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार दिया गया. मध्यप्रदेश में आयोजित समारोह में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह पुरस्कार दिया.

बैंक के चक्कर से मुक्ति, चलता-फिरता एटीएम हैं राखी

एमए पास राखी देवी बैंक को-ऑर्डिनेटर (बैंक ऑफ इंडिया) हैं. ये मोबाइल (चलता-फिरता) एटीएम हैं. इस पंचायत के लोगों को ब्लॉक या पंचायत का चक्कर नहीं लगाना पड़ता. राखी घर बैठे इन्हें नि:शुल्क बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं. पिछले तीन साल में छह हजार लोगों का खाता खोल चुकी हैं. मनरेगा की राशि लेनी हो, पेंशन, छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री आवास योजना या निजी लेन-देन करना हो. लोगों को चुटकी में नि:शुल्क सेवाएं मिल जाती हैं.

घर की देहरी से बाहर निकल बन रहीं आत्मनिर्भर

बीकॉम पास लीलावती देवी जेएसएलपीएस में बतौर आइपीआरपी (इंटरनल प्रोफेसनल रिसोर्स पर्सन) के रूप में सेवा दे रही हैं. वह बताती हैं कि गांव की महिलाएं पहले यूं ही बैठी रहती थीं, लेकिन अब समूह के जरिए न सिर्फ बचत के तरीके सीख रही हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर स्वावलंबी बन रही हैं. लीलावती बताती हैं कि 150 दीदियों को दुधारू गाय, 50 दीदियों को बकरी, 40 दीदियों को बतख, 50 दीदियों को मुर्गी, 4 महिला समूह को ट्रैक्टर, पावर टीलर, धान कुटने एवं धान झाड़ने वाली मशीन और सिंचाई के लिए विलियस मशीन दी गयी है. 15 महिलाओं को कपड़ा, चूड़ी व राशन दुकान के माध्यम से रोजगार से जोड़ा गया है.

ग्रामसभा की मजबूती से बदल रही पंचायत : देवंती देवी, मुखिया

मुखिया देवंती देवी कहती हैं कि ग्रामसभा जमीनी तौर पर मजबूत हो, तो बदलाव की मोटी लकीर खींची जा सकती है. बात विकास की हो, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का हो, ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने का मामला हो या सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का मसला हो. ग्रामसभा सशक्त माध्यम है, जिसके जरिए आप पंचायत की दशा-दिशा बदल सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें