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परिवार बढ़े तो दिवार खड़ी ना करें एक और मंजिला तैयार करें : शाकद्वीपीय समाज

रांची :सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा की 40 वीं सभा रांची के बूंटी मोड़ स्थित सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई. इस बैठक में असम, ओड़िशा, बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, समेत कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया तथा अपने विचार व्यक्त किये. इस महासभा में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप व्यास एवं विद्वान कमलेश पुण्यार्क […]

रांची :सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा की 40 वीं सभा रांची के बूंटी मोड़ स्थित सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई. इस बैठक में असम, ओड़िशा, बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, समेत कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया तथा अपने विचार व्यक्त किये. इस महासभा में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप व्यास एवं विद्वान कमलेश पुण्यार्क ने कहा, जब तक आप सूर्यांश, अपने तेज को नहीं समझेंगे तबतक आप स्वयं को नहीं जान पायेंगे. जरुरी है कि आप अपने तेज को पहचानने की कोशिश करें. इस पर विचार करें कि आप निस्तेज क्यों हो गये ? जरुरी है, इस पर आत्ममंथन करें बेकार की बातों में उलझने से अच्छा है कि हम अपने बारे में प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर बेहतर बनने की कोशिश करें.

श्राद्ध में प्रयुक्त भोजन का परित्याग करें
राज्यों से आये विद्वानों ने भी अपनी बात रखी. सभी ने एकजुट होने की बात कही. एक अंगुली कमजोर हो सकती है लेकिन जब मुट्ठी बन जाती है तो कमजोर नहीं होती हमें एकजुट होना जरूरी है. जब परिवार बढ़े, तब आंगन में दीवार खड़ा न करें, बल्कि उपर में एक और मंजिल तैयार कर लें. विद्वानों ने कहा कि नारद ने जो बेहतर कार्य किये और हमलोगों को भारत में प्रतिष्ठित करने के लिए जो छल किया, उसे आप छल नहीं कह सकते, उसमें लोककल्याण का भाव छुपा था. विद्वानों ने कहा, श्राद्ध में प्रयुक्त भोजन का परित्याग करें, तथा प्रतिदिन कम से कम अपने अंदर सूर्य जैसा तेज पैदा हो, उसके लिए आदित्य हृदय स्रोतम का पाठ प्रतिदिन अवश्य करें. अपने बच्चों को वक्त दें.
सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा के प्रस्ताव
40वीं महाधिवेशन में ओड़िशा के विजय नायक शर्मा, असम के डा. हरे राम पाठक, जमशेदपुर के डा.सत्यनारायण पांडेय, रांची के आचार्य नरोत्तम शास्त्री, जयपुर के कुलदीप व्यास, मरणोपरांत डा. रंजन सुरिदेव तथा आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री को भास्कर रत्न से सम्मानित किया गया। महाधिवेशन के दौरान आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक प्रस्ताव अवकाश प्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वैदेही शरण मिश्र ने प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव में दहेज मुक्त वातावरण तैयार करने, मितव्ययीतता बरतने, समाज के होनहार युवाओं का मार्गदर्शन करने, समाज के लिए एक सुंदर धर्मशाला बनाने तथा राजनीतिक क्षेत्रों में प्रवेश करने की बात कहीं गई.
नये पदाधिकारियों का चयन हुआ
अगले वर्ष के लिए नये पदाधिकारियों का भी चयन कर लिया गया। जो इस प्रकार है – अध्यक्ष – डा. हरिहर प्रसाद पांडेय, उपाध्यक्ष – विजयानन्द सरस्वती पलामू, लाल मोहन मिश्र, गढ़वा, राधेश्याम पांडेय, रांची, आचार्य मिथिलेश कुमार मिश्र, रांची, मंत्री – आचार्य नरोत्तम
शास्त्री, सह-मंत्री – कुंज बिहारी पांडेय( रांची) अनुऱाग भूषण पाठक( सिमडेगा), रीना मिश्र (रांची) , सुनीता पांडेय( सरायकेला), संगठन मंत्री – भोला नाथ पाठक( रांची) कोषाध्यक्ष – प्रवीण कुमार शर्मा( रांची).
कार्यकारिणी सदस्य – सच्चिदानन्द शर्मा( गुमला) अक्षयवट नाथ गुरु, (बोकारो) वंशीधर मिश्र( लोहरदगा) भीम पंडित( पूर्वी सिंहभूम) देवशंकर मिश्र( गिरिडीह) पंकज पाठक( रांची) नंद गोपाल मिश्र( हजारीबाग), दिवाकर पाठक( देवघर) राज कुमार पाठक( लोहरदगा) अनिल कुमार मिश्र( रांची) अखिलेश मिश्र (रांची) चंदन मिश्र( रांची) राघव दत्त पाठक( रांची) जगन्नाथ मिश्र( रांची) गौरीशंकर पाठक( रांची) राजीव कुमार पांडेय( रांची) राहुल गुरु( रांची) पंकज कुमार पाठक( रांची) चंद्रशेखर पाठक( रांची)

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