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इटकी : जतरा आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान
इटकी : इटकी मोड़ में गुरुवार को सात पड़हा के तत्वावधान में सोहराई जतरा का आयोजन किया गया. मौके पर आयोजित सभा में खोड़हा दलों को पड़हा निशान झंडा देकर सम्मानित किया गया. जतरा की शुरुआत बारीडीह के पाहन ने जतराटांड़ स्थित शक्ति खूंटा की पूजा-अर्चना कर की. रांची विवि के कुलानुशासक डॉ दिवाकर मिंज […]
इटकी : इटकी मोड़ में गुरुवार को सात पड़हा के तत्वावधान में सोहराई जतरा का आयोजन किया गया. मौके पर आयोजित सभा में खोड़हा दलों को पड़हा निशान झंडा देकर सम्मानित किया गया. जतरा की शुरुआत बारीडीह के पाहन ने जतराटांड़ स्थित शक्ति खूंटा की पूजा-अर्चना कर की.
रांची विवि के कुलानुशासक डॉ दिवाकर मिंज व रापेदा की अध्यक्ष डॉ दर्शना गोपा मिंज ने पड़हा निशान काठ के घोड़े पर सवार होकर जतरा स्थल का भ्रमण किया. सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जतरा आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान है.
जतरा व पड़हा बचेंगे, तो आदिवासी बचेंगे. सहाय ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 18 साल का झारखंड आज कुपोषित व बेरोजगारों का राज्य बन गया है. सभा को राष्ट्रीय जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, डॉ दिवाकर मिंज, दर्शना गोपा मिंज, प्रो डेलोमयी हांसदा, तेजप्रताप भगत सहित अन्य ने संबोधित किया.
मौके पर मांडर पूर्वी जिप सदस्य सुनील उरांव, बिगा मिंज, सलीम अंसारी, एतो भगत, आनंद कुजूर, अजीत केसरी, बाबू बशीरुद्दीन, जन्मेजय गोप, राजेश पांडेय सहित सात, 12, 21 व 22 पड़हा से संबंधित गावों के खोड़हा दल शामिल थे. जतरा में मिठाई, खिलौना, झूला, चाट-फुचका सहित अन्य स्टॉल लगे हुए थे. ईख की जोरदार बिक्री हुई.
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