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रांची़ : कारखानों के हैंडओवर-टेकओवर मामले में 45 दिनों में निर्णय लें
रांची़ : हाइकोर्ट ने बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के झारखंड स्थित पांच कारखानों के हैंडअोवर-टेकअोवर के संबंध में 45 दिनों में निर्णय लेने को कहा है. निगम के कारखाना कर्मियों के बकाया वेतन मामले में दो नवंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बिहार व झारखंड सरकार हैंडअोवर-टेकअोवर मामले का जल्द निबटारा […]
रांची़ : हाइकोर्ट ने बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के झारखंड स्थित पांच कारखानों के हैंडअोवर-टेकअोवर के संबंध में 45 दिनों में निर्णय लेने को कहा है. निगम के कारखाना कर्मियों के बकाया वेतन मामले में दो नवंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बिहार व झारखंड सरकार हैंडअोवर-टेकअोवर मामले का जल्द निबटारा कर 14 दिसंबर तक प्रगति रिपोर्ट दें.
गौरतलब है कि निगम के झारखंड स्थित कारखाने को झारखंड को सौंपे जाने संबंधी अधिसूचना बिहार सरकार ने जारी कर दी है. पर देनदारी व परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में दोनों सरकारों के बीच स्पष्ट रुख नहीं होने से कारखानों का हैंडअोवर-टेकअोवर नहीं हुआ है. इनमें इइएफ टाटीसिलवे, हाइटेंसन इंसुलेटर, मैलुबल कास्ट व स्वर्णरेखा घड़ी कारखाना सामलौंग रांची तथा सुपर फॉस्फेट कारखाना सिंदरी शामिल हैं. वेतन भुगतान संबंधी मामले की सुनवाई हाइकोर्ट में चल रही है तथा झालसा की निगरानी में वेतन भुगतान हो रहा है.
इस अालोक में हाइकोर्ट ने वेतन के मामले में कर्मियों को लेबर कोर्ट सहित किसी अन्य अधीनस्थ कोर्ट जाने पर भी पाबंदी लगा दी है. अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई से कारखाना प्रबंधन के लिए समस्या हो जाती है तथा कोर्ट का भी वक्त जाया होता है. इधर, निगम द्वारा वेतन व अन्य मद में भुगतान के लिए झालसा के पास जमा राशि से 32 लाख रुपये पीएफ मद में देने तथा निगम के झारखंड स्थित पांच कारखाना कर्मियों को आठ माह का वेतन देने पर भी कोर्ट ने सहमति दी है.
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