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रांची : कोल इंडिया के विनिवेश के विरोध में प्रदर्शन
रांची : मजदूर यूनियनों ने कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध शुरू कर दिया है. बुधवार को सीटू से संबद्ध यूनियनों ने कई स्थानों पर गेट मीटिंग की और विरोध किया. वहीं, एटक ने इसके विरोध में सात से 14 नवंबर तक विरोध सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है. तीन नवंबर को मजदूर यूनियनों की […]
रांची : मजदूर यूनियनों ने कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध शुरू कर दिया है. बुधवार को सीटू से संबद्ध यूनियनों ने कई स्थानों पर गेट मीटिंग की और विरोध किया. वहीं, एटक ने इसके विरोध में सात से 14 नवंबर तक विरोध सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है. तीन नवंबर को मजदूर यूनियनों की बैठक कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव के साथ होनी है.
इसमें इस मुद्दे को उठाया जायेगा. बुधवार को कोयला मंत्रालय तीन फीसदी विनिवेश के लिए शेयर जारी किया है. एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा है कि कोल इंडिया को बचाने के लिए मजदूरों को आगे आना होगा. उनकी यूनियन किसी भी कीमत पर कोल इंडिया का विनिवेश बर्दाश्त नहीं करेगी. मजदूरों को अपने अस्तित्व के लिए सड़क पर उतरना होगा. जल्द ही मजदूर यूनियनों की संयुक्त बैठक होगी. इसमें आगे की आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी.
कोयला कर्मियों की गाल पर जोरदार थप्पड़
सीटू नेता डीडी रामानंदन और आरपी सिंह ने कहा है कि कोल इंडिया ने अपने स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर कोयला कर्मियों की गाल पर जोरदार थप्पड़ मारा है. नौ फीसदी शेयरों के विनिवेश का फैसला सरकार ने चुपचाप ले लिया. दिखाया यह जा रहा है कि तीन फीसदी शेयर ही बेचने की योजना है. लेकिन, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह बिक्री ओवर सब्सक्राइबड हुई, तो आवेदकों का पैसा न लौटाकर और छह फीसदी शेयर बेचा जोयगा.
कई एरिया में प्रदर्शन
सीसीएल के बरका-सयाल, अरगड्डा, पिपरवार, हजारीबाग, बीएडके, कथारा एरिया के विभिन्न कोलियरियों में एनसीओइए के नेतृत्व में आमसभा, गेट मीटिंग, पिट मीटिंग की गयी. मोदी सरकार का पुतला जलाया गया. मजदूरों को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट परस्त नीतियों वाली इस सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जायेगा.
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