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रांची : साइबर क्राइम कंट्रोल में पुलिस को सहयोग करेंगी दूरसंचार कंपनियां
रांची : राज्य में साइबर क्राइम कंट्रोल में अब दूर संचार कंपनियां भी झारखंड पुलिस को सहयोग करेंगी. यह निर्णय विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता की पहल पर पुलिस मुख्यालय में विभिन्न दूर संचार कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में लिया गया है. इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर एडीजी ने सभी रेंज […]
रांची : राज्य में साइबर क्राइम कंट्रोल में अब दूर संचार कंपनियां भी झारखंड पुलिस को सहयोग करेंगी. यह निर्णय विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता की पहल पर पुलिस मुख्यालय में विभिन्न दूर संचार कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में लिया गया है.
इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर एडीजी ने सभी रेंज के डीआइजी और सभी जिलों के एसपी को भेज दी है. डीआइजी और एसपी से कहा गया कि अगर उनके जिला में किसी तरह की समस्या है, तो वे इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को दें.
बैठक से संबंधित तैयार रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसी मोबाइल नंबर से साइबर क्राइम हुआ है और जांच के क्रम में अगर नंबर धारक का नाम और पता गलत पाया जाता है, तब संबंधित जिला के एसपी के अनुरोध पर संबंधित दूर संचार कंपनी मोबाइल नंबर को तत्काल बंद करेगी, ताकि इसका गलत उपयोग किसी दूसरे साइबर क्राइम में न हो.
एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया गया है, ताकि संबंधित ग्राहक धमकी, गाली-गलौज और साइबर क्राइम के लिए प्रयोग किये जाने वाले नंबर की जानकारी दे सके.
संबंधित कंपनी में शिकायत दर्ज कराने पर शिकायत को तत्काल पुलिस के पास ट्रांसफर किया जायेगा.दूरसंचार कंपनियों की ओर से पुलिस अधिकारियों को यह भी आश्वासन दिया गया है कि वे राज्य में साइबर अपराध से प्रभावित आठ जिलों में मोबाइल नंबर धारकों के सत्यापन के लिए स्पेशल ड्राइव चलायेंगे. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र आसनसोल, दुर्गापुर एवं राज्य के कुछ साइबर प्रभावित जिलों जैसे- जामताड़ा, गिरिडीह में प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड उपलब्ध हो रहे हैं. इस उपयोग अपराधी साइबर क्राइम व अन्य आपराधिक कार्यों के लिए कर रहे हैं. अब प्री एक्टिवेटेड सिम लेने के बाद 15 दिनों के भीतर इसका दोबारा सत्यापन किया जायेगा, ताकि कोई फेक आइडी के आधार पर सिम कार्ड लेकर इसका गलत उपयोग नहीं कर सके.
बैठक में यह भी बात सामने आयी है कि राज्य के साइबर प्रभावित जिले जामताड़ा, गिरिडीह इत्यादि क्षेत्र में कुछ ग्राहकों द्वारा गलत तरीके से एक नाम व पता पर 10 या इससे अधिक सिम कार्ड का प्रयोग किया जा रहा है. इन सिम कार्ड का प्रयोग साइबर क्राइम और अन्य आपराधिक कार्यों के लिए किया जा रहा है.
इसलिए कोई भी ग्राहक नौ से अधिक सिम कार्ड का प्रयोग नहीं कर सके, इसके लिए यह सुनिश्चित किया गया कि ग्राहकों से सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाया जायेगा. इसमें उपभोक्ता यह लिख कर देंगे कि उनके पास नौ से अधिक सिम कार्ड नहीं है.
बैठक में बिना आधार कार्ड के सिम बेचने वाले रिटेलर को चिह्नित कर कार्रवाई करने, फेक आइडी पर सिम कार्ड नहीं बेचने के लिए जागरूकता अभियान चलाने, फर्जी सिम कार्ड धारक के बारे में जानकारी एकत्र कर इसकी सूची तैयार कर पुलिस को देने व तकनीकी समस्याओं पर भी चर्चा की गयी है.
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