रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों तथा सिविल सर्जनों को ताकीद की है कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहींकीजायेगी. उन्होंने प्रोजेक्ट भवन में समीक्षा बैठक में कहा, ‘चूंकि यह योजना झारखंड से शुरू हुई है, इसलिए इसमें हमसे अपेक्षा भी अधिक है.’
उन्होंने लाभुक मरीजों के प्रति व्यवहार सुधारने तथा उन्हें अस्पतालों में कोई परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने गोल्डेन कार्ड बंटने, आरोग्य मित्रों के प्रशिक्षण तथा प्रधानमंत्री के पत्रों के वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की.
इससे पहले, स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने उन जिलों के सिविल सर्जनों की फटकार लगायी, जहां अभी कोई भी क्लेम नहीं हुआ है. इनमें गोड्डा, खूंटी, लोहरदगा आदि जिले शामिल हैं. उन्होंने सिविल सर्जनों से प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए मिशन मोड में काम करने की सलाह देते हुए कहा कि अभी जैसी स्थिति रही, तो सरकारी स्कूलों की तरह सरकारी अस्पताल भी बंद करने पड़ेंगे.