पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर व्याख्यान का आयोजन
अमीरी और गरीबी के बीच की खाई कम नहीं हो रही है
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि शिक्षा व्यवस्था आज व्यवसाय का रूप ले चुकी है. जिन्हें शिक्षा से कोई मतलब नहीं है, वे शिक्षण संस्थान चला रहे हैं.
यही हाल चिकित्सा का है. देश में जो स्थिति चिकित्सा और शिक्षा की है, ऐसा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने नहीं सोचा था. अमीरी और गरीबी के बीच की खाई कम नहीं हो रही है. समाज के निचले व्यक्ति को जो सुविधा मिलनी चाहिए, नहीं मिल रही है. सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली है.
राज्यपाल शनिवार को श्रीकृष्ण लोक प्रशिक्षण संस्थान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रही थीं. राज्यपाल ने कहा कि आज हम स्वच्छता कार्यक्रम कर रहे हैं. यह जरूरी है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है मन को साफ रखने की.
आत्मा साफ होगी, तभी अंतरआत्मा की आवाज भी साफ होगी. सत्य तभी झलकेगा, जब हम पतीत से पावन होंगे. एनआइएसइआर के रजिस्ट्रार डॉ अभय कुमार नायक ने कहा कि पं दीन दयाल का जन्म चंदन वन में हुआ था. यह वही स्थान है, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. इस कारण उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया. उन्होंने अंत्योदय के लिए अंतरात्मा की आवाज को साफ करने का आह्वान किया था.
आज भी हावी है पश्चिमी विचारवाद
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही ने कहा कि स्वराज तो हम लोगों को मिला है, लेकिन स्वतंत्रता नहीं. पंडित दीन दयाल उपाध्याय एकात्मवाद की बात करते थे, लेकिन इससे हम आज भी दूर हैं.
आज भी हमारे ऊपर पश्चिमी विचारवाद हावी है. पश्चिमी विचारवाद हमें पशु से आगे नहीं बढ़ने देता है. डॉ सुमन, राजन सिंह व डॉ अजय छावड़ा को सम्मानित किया गया. दीन दयाल धाम के निदेशक राजेंद्र व स्थानीय व्यवसायी आरडी सिंह ने भी विचार रखे. मौके पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह और पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.