21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : राष्ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन, अजीत राय ने कहा, ग्लोबल वार्मिंग से बाढ़ और सूखे की घटनाएं बढ़ जायेंगी

भारत में 2030 तक एक चौथाई भूमि बंजर हो जायेगी चीन व अमेरिका के बाद भारत ही ज्यादा गैस उत्सर्जन कर रहा रांची : विश्व युवक केंद्र दिल्ली के पदाधिकारी अजीत कुमार राय ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ने का मतलब है कि पृथ्वी लगातार गर्म हो रही है. आनेवाले दिनों में बाढ़ व सूखा […]

भारत में 2030 तक एक चौथाई भूमि बंजर हो जायेगी
चीन व अमेरिका के बाद भारत ही ज्यादा गैस उत्सर्जन कर रहा
रांची : विश्व युवक केंद्र दिल्ली के पदाधिकारी अजीत कुमार राय ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ने का मतलब है कि पृथ्वी लगातार गर्म हो रही है. आनेवाले दिनों में बाढ़ व सूखा और ज्यादा बढ़ेंगे. श्री अजीत ने ग्लोबल वॉर्मिंग पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन अपनी बातें रखी.
उन्होंने कहा कि भारत में भागदौड़ वाले जीवन में लोग इसका अधिक महत्व नहीं दे रहे हैं. ग्रीन हाउस का प्रभाव कम से कम करना होगा. अध्यक्षीय भाषण के तहत सच्चिदानंद ने कहा कि भारत में लगभग 20.9 प्रतिशत भू-भाग में जंगल है, जिससे 10 प्रतिशत ही घने जंगल हैं, जबकि पर्यावरण संतुलन के लिए 333 प्रतिशत जंगल की आवश्यकता है.
अभियान झारखंड के संयोजक मधुकर ने कहा कि पृथ्वी पर ठंड कम और गर्मी ज्यादा होने लगी हैं. 2070 तक भारत में आठ महीने गर्मी होने की आशंका है, जिससे विकलांगता, बौनापन और कृषि की उपज में भारी कमी आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि भारत में 2030 तक एक चौथाई भूमि बंजर हो जायेगी. ग्लोबल वॉर्मिंग का एक मात्र समाधान जन जागरण व वृक्षारोपण ही हैं.
शिक्षा के अधिकार अभियान झारखंड के संयोजक एके सिंह ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग को पहली कक्षा से ही पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा.
प्रत्येक विद्यालयों को गार्डन का रूप दिया जाये, जिसे सभी बच्चे अपने स्तर से उसकी रक्षा करें और ग्लोबल वॉर्मिंग के बारे में जानें. मौके पर अजय कुमार मिश्रा, अनीता कुमारी, रामनाथ ठाकुर, नागेंद्र सिंह, विजय कुमार, कृष्णकांत व अजय कुमार ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे.
भारत को कोयले की खपत कम करनी होगी
भोजन के अधिकार अभियान झारखंड के संयोजक बलराम ने कहा कि चीन व अमेरिका के बाद भारत ही ज्यादा गैस उत्सर्जन कर रहा है. भारत को कोयले की खपत कम करनी होगी, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो सके. भू-क्षरण को रोक कर पौधरोपण के माध्यम से ही सतही जल को बचाया जा सकता है. सरकार जल संरक्षण की पर्याप्त परियोजना लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें