प्रतिनिधि, चान्हो.
टांगर गांव में शनिवार को 12 पाड़हा सोहराई जतरा का आयोजन पारंपरिक उल्लास के साथ किया गया. जतरा में टांगर, बढ़ईया, चामा, चोड़ा, मसमानो, पिपराटोली, कमाती, चटवल, बरहे, बीजुपाड़ा सहित अन्य गांवों के खोड़हा अपने-अपने पारंपरिक पाड़हा प्रतीक चिन्हों के साथ शामिल हुए. मांदर और नगाड़े की थाप पर टोलियों में बंटकर गीत व नृत्य प्रस्तुत किये. इससे पहले जतरा की शुरुआत गांव के पाहन लीलकू पाहन की अगुवाई में जतरा खूंटा पर विधिवत पूजा-अर्चना कर की गयी. इस दौरान मोहन उरांव ने लोगों से कहा कि सोहराई जतरा हमारी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की पहचान है. इसे हमलोगों को मिलजुलकर सुरक्षित रखने की आवश्यकता है. जतरा में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. जिसमें स्थानीय कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति दी. सांस्कृतिक कार्यक्रम का उदघाटन टांगर पंचायत की मुखिया देवंती उरांव ने किया. मंच संचालन एनामुल हक व धन्यवाद ज्ञापन महली भगत ने किया. मौके पर गंदरु उरांव, विशाल उरांव, जेना उरांव, राजू लोहरा, संतोष साहू, हरि उरांव, मंगरू भगत, पांचू उरांव, उपेंद्र साहू व ग्रामीण मौजूद थे.चान्हो 1, सोहराई जतरा में मांदर की थाप पर नृत्य करते लोग.B
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