14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एनएच-33 पर झारखंड हाइकोर्ट ने कहा, टाटा रोड का शेष काम पूरा होने दे ठेका कंपनी

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) के फोर लेनिंग कार्य काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नेशनल हाइवे अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) को इंजीनियरिंग प्रोक्यूरमेंट कंस्ट्रक्शन कांट्रेक्टर (इपीसी) का चयन […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) के फोर लेनिंग कार्य काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नेशनल हाइवे अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) को इंजीनियरिंग प्रोक्यूरमेंट कंस्ट्रक्शन कांट्रेक्टर (इपीसी) का चयन करने को कहा. साथ ही कहा कि फोर लेनिंग कार्य कर रही कंपनी मधुकॉन का एग्रीमेंट बरकरार रखा जाये.
खंडपीठ ने कहा कि वह रांची-जमशेदपुर फोर लेनिंग के शेष बचे कार्य को पूरा कराने के प्रति गंभीर है. यह एनएच झारखंड की कॉमर्शियल लाइफलाइन है. इसका जल्द निर्माण होना जरूरी है. खंडपीठ ने माैखिक रूप से मधुकॉन कंपनी से कहा कि वह भगवान के लिए इस प्रोजेक्ट के शेष बचे कार्य को छोड़ दें तथा कार्य पूरा होने दे.
एनएचएआइ के प्रस्ताव वन टाइम सेटलमेंट को स्वीकार करने पर विचार करे. एनएचएआइ, संवेदक कंपनी, केनरा बैंक व अन्य बैंकों के प्रतिनिधि तीन सप्ताह के अंदर बैठक कर वन टाइम सेटेलमेंट के प्रस्ताव पर विचार कर आपसी सहमति से निर्णय लें. अगली सुनवाई के दाैरान लिये गये निर्णयों से कोर्ट को अवगत कराया जाये. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व संवेदक कंपनी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने खंडपीठ को बताया कि वह फोर लेनिंग कार्य में विलंब के लिए जिम्मेवार नहीं है. जमीन अधिग्रहण में देर होने के कारण प्रोजेक्ट पूरा होने में दो वर्ष विलंब हुआ.
इससे बैंक का ब्याज व प्रोजेक्ट लागत भी बढ़ गया. एग्रीमेंट को बरकरार रखते हुए एनएचएआइ इपीसी कांट्रेक्टर नियुक्त कर शेष बचे कार्य को पूरा करा सकता है. केनरा बैंक की ओर से वरीय अधिवक्ता जय प्रकाश ने बताया कि वह वन टाइम सेटेलमेंट के पक्ष में नहीं है. उसमें एनएचएआइ ने राशि का जिक्र नहीं किया है. बैंक के हित व सार्वजनिक राशि को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने का आग्रह किया. सरकार की अोर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने खंडपीठ से कहा कि रांची-जमशेदपुर पथ का शीघ्र बनना जरूरी है.
सीबीआइ का पक्ष
सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) से फोर लेनिंग की जांच से संबंधित रिपोर्ट सीबीआइ को मिल गयी है. वहीं संबंधित बैंक द्वारा प्रोजेक्ट में लगायी गयी राशि का ब्याेरा मिल गया है. स्क्रूटनी कर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
राज्य सरकार को दी हिदायत, अब कोई विलंब नहीं हो : कोर्ट
खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि एनएच के फोर लेनिंग कार्य में अब किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए. चाहे वह भूमि अधिग्रहण का मामला हो या फॉरेस्ट क्लियरेंस का या अतिक्रमण का मामला हो. यदि किसी प्रकार की बाधा है, तो उसे दूर करने के लिए संबंधित उपायुक्तों को तुरंत निर्देश जारी किया जाये. कोई बहाना नहीं चलेगा. जितना जल्द हो सके, रोड का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए.
एनएचएआइ से पूछा, क्यों नहीं हुआ रोड का मरम्मत
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एनएचएआइ से पूछा कि रांची-जमशेदपुर एनएच-33 की स्थिति ठीक नहीं है. सड़क की मरम्मत के लिए 16 करोड़ रुपये दिये गये , तो उस राशि से मरम्मत क्यों नहीं की गयी.उक्त सड़क पर प्रतिदिन लगभग 7000 से अधिक वाहन चलते हैं. छह साल में 1000 से अधिक लोग दुर्घटना में घायल हुए. 500 से अधिक लोगों की माैत हो चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें