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रांची : स्लम पुनर्विकास के लिए राज्य के शहरों में बनेंगी 15 हजार आवासीय इकाइयां
रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक प्रोजेक्ट भवन में हुई. श्री त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्लम पुनर्विकास और अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी की समीक्षा की. उनको बताया गया कि शहरों के स्लम में रह रहे परिवारों और विभिन्न शहरों में रह रहे […]
रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक प्रोजेक्ट भवन में हुई. श्री त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्लम पुनर्विकास और अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी की समीक्षा की. उनको बताया गया कि शहरों के स्लम में रह रहे परिवारों और विभिन्न शहरों में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को घर देने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
मुख्य सचिव ने योजना के तहत बनने वाले घरों की रूपरेखा, निर्माण में आने वाला खर्च, केंद्र और राज्य सरकारों के अंशदान व लाभुक की ओर से किये जाने वाले खर्च की जानकारी ली. नगर विकास एवं आवास विभाग ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिये विभाग के कार्यों की जानकारी दी. बताया कि स्लम पुनर्विकास योजना के तहत कुल 15517 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जाना है.
किफायती आवास निर्माण योजना के तहत कुल 42493 आवासों का निर्माण कराया जायेगा. दोनों योजनाओं के तहत बनने वाले आवासों में राज्यांश के तौर पर एक-एक लाख रुपये का सहयोग दिया जायेगा. केंद्र सरकार स्लम पुनर्विकास के लिए एक लाख और किफायती आवास के लिए 1.5 लाख की सहायता प्रदान करेगी.
राज्य और केंद्र सरकार के अलावा लाभुक को भी राशि देनी होती है. अलग-अलग शहरों में लाभुकों द्वारा आवास निर्माण में खर्च की जाने वाली राशि में अंतर हो सकता है.
मुख्य सचिव ने लाभुकों के सहयोग के लिए बैंकों को लोन पॉलिसी को लचीला बनाने का निर्देश दिया. इसके लिए झारखंड अफोर्डेबल हाउसिंग डेवलपमेंट फंड का गठन किया जायेगा. योजना के लाभुक 15 वर्षों तक अपने आवास को किसी को बेच या हस्तांतरित नहीं कर सकेंगे. दोनों ही योजनाओं में चयनित लाभुकों को प्रथम किस्त के तौर पर 25 हजार रुपये जमा करने होंगे. मुख्य सचिव ने आवास आवंटन प्रक्रिया के लिए सभी नगर निकायों में स्थानीय उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का निर्देश दिया.
रांची और धनबाद में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी. आवास निर्माण की थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग के लिए परामर्शी का चयन किया जायेगा. बैठक में जानकारी दी गयी कि विभिन्न शहरों में योजना के तहत बननेवाले आवासों के डीपीआर का आइआइटी धनबाद से पुनरीक्षण कराया जायेगा.
बैठक में विकास आयुक्त डीके तिवारी, योजना एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह, भू राजस्व विभाग सचिव केके सोन समेत अन्य अधिकारी शामिल थे.
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