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रांची : एक सितंबर से पेट्रोल या डीजल नहीं, ई-कार में चलेंगे बिजली बोर्ड के अधिकारी

रांची : एनर्जी इफिशियेंसी सर्विस लिमिटेड (इइएसएल) के अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि एक सितंबर से कार ऊर्जा विकास निगम को मिलने लगेंगी. टाटा की टिगोर सेडान कार को ई-कार के रूप में विकसित किया गया है, जो फाइव सीटर है. बाजार में इसकी कीमत 12.5 लाख रुपये है. इइएसएल इन कारों को ऊर्जा […]

रांची : एनर्जी इफिशियेंसी सर्विस लिमिटेड (इइएसएल) के अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि एक सितंबर से कार ऊर्जा विकास निगम को मिलने लगेंगी. टाटा की टिगोर सेडान कार को ई-कार के रूप में विकसित किया गया है, जो फाइव सीटर है. बाजार में इसकी कीमत 12.5 लाख रुपये है. इइएसएल इन कारों को ऊर्जा विकास निगम को लीज बेसिस पर उपलब्ध करा रहा है. एक कार पर ड्राइवर समेत 40 हजार रुपये प्रतिमाह का किराया लिया जायेगा.
इस ई-कार को एक बार चार्ज करने पर 130 किमी तक चला जा सकती है. कार की अधिकतम स्पीड 110 किमी प्रति घंटे की है. राकेश कुमार ने बताया कि बाहर से देखने पर यह आम सेडान कार जैसा ही है. लेकिन, इसमें सामान्य कार की तरह ही सारी सुविधाएं मौजूद हैं. अंतर सिर्फ इतना ही है कि ये कार पेट्रोल या डीजल की जगह बैटरी से चलेंगी.
क्रूड ऑयल के निर्यात को कम करने की योजना : राकेश कुमार ने बताया कि भारत सरकार ने क्रूड अॉयल के निर्यात को कम करने के लिए 2030 तक पूरे देश में इलेक्ट्रिक कार चलाने की योजना बनायी है. इसी के तहत पहली कड़ी में सरकारी विभागों में ई-कार दी जा रही हैं. इइएसएल इस काम को अंजाम दे रहा है. झारखंड में प्रयोग के तौर पर ऊर्जा विकास निगम में इसे 50 कारों से शुरू किया जा रहा है. फिर अन्य विभागों में भी इसे लागू किया जायेगा.
तीन जगहों पर बनाये गये हैं चार्जिंग स्टेशन
बताया गया कि आम डीजल की कार पर प्रति किमी 5.50 रुपये खर्च होते हैं. जबकि ई-कार में 80 पैसे प्रति किमी का खर्च आयेगा. इससे ईंधन के इस्तेमाल में कमी आयेगी. बोर्ड मुख्यालय, राजभवन और कुसई कॉलोनी में अभी चार्जिंग स्टेशन बनाये गये हैं. बताया गया कि दो से तीन घंटे में कार फुल चार्ज हो जाती है. चार्जिंग स्टेशन एटीएम बूथ की तरह होता है.
रोजगार के अवसर पैदा होंगे : कुलकर्णी
झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि आनेवाले समय में चार्जिंग स्टेशन खोल कर रोजगार सृजन किया जा सकता है. सरकार पेट्रोल पंपों में भी चार्जिंग स्टेशन खोलने पर विचार कर रही है. जैसे-जैसे ई-कार की संख्या बढ़ती जायेगी, वैसे-वैसे चार्जिंग स्टेशन की मांग भी बढ़ेगी. यह शहर के अलावा हाइवे में भी खोला जा सकता है.

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