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बिहार के पूर्व डीजीपी की ओर से आरोपी बनाने के मामले में रखा गया पक्ष
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में आरोपी बनाने को लेकर दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. प्रार्थी बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी अोझा की अोर से बहस की गयी. अब अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी. बहरहाल सीबीआइ अदालत के आदेश पर पूर्व […]
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में आरोपी बनाने को लेकर दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. प्रार्थी बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी अोझा की अोर से बहस की गयी. अब अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी. बहरहाल सीबीआइ अदालत के आदेश पर पूर्व में लगायी गयी रोक को भी बरकरार रखा गया है. इससे पूर्व अदालत को बताया गया कि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सीआरपीसी की धारा-319 के तहत आरोपी बनाने का आदेश दिया. यह आदेश तब दिया गया, जब मामले की सुनवाई पूरी हो गयी. धारा-319 के तहत ट्रायल के दौरान ही आरोपी बनाया जा सकता है. ऐसे में उसे निरस्त किया जाना चाहिए. प्रार्थी की अोर से बहस अधूरी रही.
एमीकस क्यूरी अधिवक्ता आशुतोष आनंद, सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा, अधिवक्ता नीरज कुमार उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी अोझा द्वारा क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर सीबीआइ अदालत के चारा घोटाला मामले आरसी-64ए/96 में आरोपी बनाने संबंधी आदेश को चुनाैती दी गयी है. झारखंड के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी क्वैशिंग याचिका दायर कर आरोपी बनाने संबंधी आदेश को चुनाैती दी है.
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