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बोकारो में मेडिकल कॉलेज खुलेगा या नहीं, अब फैसला वित्त आयोग ही करेगा
रांची : बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज खोलने पर अब तक फैसला नहीं हो सका है. जबकि वर्ष 2016 में झारखंड सरकार ने बजट भाषण में इसके खोले जाने की घोषणा की थी. पर मामला अब तक लंबित है. वजह बतायी जा रही है कि केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि एक संसदीय क्षेत्र […]
रांची : बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज खोलने पर अब तक फैसला नहीं हो सका है. जबकि वर्ष 2016 में झारखंड सरकार ने बजट भाषण में इसके खोले जाने की घोषणा की थी. पर मामला अब तक लंबित है. वजह बतायी जा रही है कि केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि एक संसदीय क्षेत्र में एक ही मेडिकल कॉलेज हो. बोकारो, धनबाद संसदीय क्षेत्र में आता है. जहां पहले से ही पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज है.
जिसके कारण बोकारो को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने बोकारो में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का मामला अब 15वें वित्त आयोग की मंजूरी के लिए भेज दिया है. यानी इस पर अब फैसला होगा भी तो वर्ष 2020-2025 की योजना में. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इससे संबंधित प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेज दिया गया है. जबकि चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, प. सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा में दो चरणों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने पर केंद्र सरकार की सहमति मिल चुकी है. जिसमें पहले चरण में कोडरमा और चाईबासा में मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे.
क्या है स्थिति
विभाग द्वारा लिखा गया है कि बोकारो जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में प्रस्ताव शामिल किया गया था. वर्ष 2016-17 में इसके लिए 20 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ रुपये बजट में प्रावधान भी किया गया था. इस योजना के तहत भवन निर्माण के लिए कुल 686.50 करोड़ रुपये के डीपीआर की स्वीकृति भी 6.9.17 को देते हुए राज्य योजना प्राधिकृत समिति को भेजी गयी. बोकारो के साथ-साथ दुमका, पलामू एवं हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज, एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के अस्पताल तथा चाईबासा में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कुल 3302.69 करोड़ रुपये का प्रस्ताव योजना प्राधिकृत समिति को भेजा गया.
पर 5.9.17 को योजना प्राधिकृत समिति द्वारा बैठक में केवल पलामू, दुमका एवं हजारीबाग की योजनाओं की स्वीकृति दी गयी. इन तीनों जगहों पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शुरू हो गया. इधर उपायुक्त बोकारो की अनुशंसा पर स्टील अथॉरिटी अॉफ इंडिया(सेल) द्वारा बोकारो स्टील सिटी में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 25 एकड़ चिह्नित कर ली गयी. हालांकि भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव इस्पात मंत्रालय भारत सरकार के पास लंबित है.
चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, प़ सिंहभूम खूंटी और लोहरदगा के लिए सहमति
इसी बीच 3.7.17 को झारखंड सरकार द्वारा कोडरमा, बोकारो एवं चाईबासा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति का प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव को भेजा गया. फिर 29.11.17 को चाईबासा, बोकारो एवं कोडरमा का डीपीआर तकनीकी अनुमोदन के बाद भारत सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया.
इसमें बोकारो की लागत 289.38 करोड़ रुपये की थी. फिर अपर सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत द्वारा 1.2.18 को पत्र के माध्यम से दो चरणों में योजना चिह्नित करते छह मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी गयी है. जिसमें बोकारो जिला शामिल नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, प. सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा की स्वीकृति दी गयी है.
पहले चरण में केंद्र सरकार ने कोडरमा के करमा एवं प. सिंहभूम के चाईबासा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृत दी गयी है. इधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक बार फिर बोकारो मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव पर 15 वें वित्त आयोग की मंजूरी लेने के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है.
राज्य योजना से कॉलेज बनाये सरकार : विरंची
बोकारो के विधायक विरंची नारायण लगातार बोकारो में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जमीन चिह्नित कर ली गयी है और जनता की भी मांग है. वहीं मुख्यमंत्री भी वर्ष 2016 और वर्ष 2017 के बजट भाषण में इसकी घोषणा कर चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की योजना से न करा कर झारखंड सरकार इसे राज्य योजना में शामिल कर बनवा सकती है. इसकी लागत केवल 289.38 करोड़ है. जिसे राज्य योजना की बजट के माध्यम से पूरा किया जा सकता है.
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