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रांची : भवनों में लगी लिफ्ट का निबंधन कराना हुआ अनिवार्य
रांची : झारखंड के किसी भी भवनों में लगे सभी नयी व पुरानी लिफ्ट को अब निबंधन कराना होगा. बिना निबंधन के लिफ्ट सरकार द्वारा अवैध करार दिये जायेंगे और इसे बंद करने तक की कार्रवाई की जा सकेगी. झारखंड सरकार ने द झारखंड लिफ्ट एंड एस्कलेटर एक्ट-2017 के तहत द झारखंड लिफ्ट एंड एस्कलेटर […]
रांची : झारखंड के किसी भी भवनों में लगे सभी नयी व पुरानी लिफ्ट को अब निबंधन कराना होगा. बिना निबंधन के लिफ्ट सरकार द्वारा अवैध करार दिये जायेंगे और इसे बंद करने तक की कार्रवाई की जा सकेगी.
झारखंड सरकार ने द झारखंड लिफ्ट एंड एस्कलेटर एक्ट-2017 के तहत द झारखंड लिफ्ट एंड एस्कलेटर रूल्स-2018 की अधिसूचना जारी कर दी है. 19 जून 2018 से ही यह प्रभावी है. पर ऊर्जा विभाग द्वारा इसे 10 जुलाई के बाद से व्यवहार में लाया जायेगा. विज्ञापन जारी कर आम जनता को सूचित किया जायेगा कि लिफ्ट का निबंधन करा लें.
निबंधन के पूर्व लिफ्ट के सुरक्षा मानक को पूरा करना होगा : जारी अधिसूचना के अनुसार लिफ्ट के तमाम सुरक्षा मानकों को पूरा
करना होगा. तभी निबंधन के लिए आवेदन दिया जा सकता है.
निबंधन शुल्क 2000 रुपये है. सुरक्षा मानक के तहत लिफ्ट के लिए वैकल्पिक बिजली आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित करना है. यानी बिजली कटने पर कम से कम इतना बैकअप हो कि जिस फ्लोर पर बिजली कटी है, लिफ्ट उसके ठीक नीचे आकर रुके और उसका गेट भी खुले.
लिफ्ट लगाने के दो माह के भीतर देना होगा निबंधन का आवेदन : इस नयी व्यवस्था के तहत भवन मालिक को लिफ्ट लगाने के दो माह की अवधि भीतर ही निबंधन के लिए आवेदन देना होगा. मालिकद्वारा वार्षिक रख-रखाव एवं
अन्य व्यवस्था की प्रति प्रत्येक वर्ष निरीक्षक को देना होगा. मालिक को अॉटोमेटिक रेस्क्यू डिवाइस की व्यवस्था करनी होगी ताकि आपात स्थित में लिफ्ट में फंसे लोगों को निकाला जा सके. रूल के उल्लंघन पर कार्रवाई के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है. ऊर्जा विभाग के निरीक्षक तीन साल में एक बार लिफ्ट का सेफ्टी निरीक्षण करेंगे. इसके एवज में एक हजार रुपये का शुल्क लिया जायेगा.
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