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रांची : धर्म व संस्कृति छोड़ चुके आदिवासियों को न मिले आरक्षण का लाभ : समिति

ईसाई मिशनरी सरना समाज में फूट डालो शासन करो की नीति अपना रहे हैं रांची : केंद्रीय सरना समिति ने धर्मांतरण कर चुके ईसाई आदिवासियों के एसटी आरक्षण पर रोक की मांग दोहरायी है़ सोमवार को प्रधान कार्यालय में समिति केअध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना आदिवासियों के धर्म, संस्कृति, परंपरा, हक व अधिकार […]

ईसाई मिशनरी सरना समाज में फूट डालो शासन करो की नीति अपना रहे हैं
रांची : केंद्रीय सरना समिति ने धर्मांतरण कर चुके ईसाई आदिवासियों के एसटी आरक्षण पर रोक की मांग दोहरायी है़ सोमवार को प्रधान कार्यालय में समिति केअध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना आदिवासियों के धर्म, संस्कृति, परंपरा, हक व अधिकार पर खतरा मंडरा रहा है़ ईसाई मिशनरी नकली आदिवासी बन कर इसे लूट रहे है़ं
वे सरना समाज में फूट डालो शासन करो की नीति अपना रहे है़ं सरना-ईसाई न कभी भाई थे, न कभी होंगे : समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि ईसाई कभी सरना आदिवासियों का हितैषी नहीं हो सकता़ सरना-ईसाई न कभी भाई थे, न कभी होंगे़ विपक्ष ने धर्मांतरण बिल का विरोध किया़ विपक्ष अपनी मंशा स्पष्ट करे कि वह सरना आदिवासियों का हितैषी है या ईसाइयों का. अन्यथा 2019 के चुनाव में सबक सिखाया जायेगा़
धर्म, संस्कृति व परंपराओं से है आदिवासियों की पहचान
जगलाल पाहन ने कहा कि आदिवासियों की पहचान उनके धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज व परंपराओं से होती है, न कि नस्लीय आधार पर. यदि ऐसा होता, तो धर्मांतरण कर चुके मुसलमान, हिंदू, सिख व जैन धर्म के लोग भी आदिवासी कहलाते़
जो व्यक्ति अपनी रूढ़िवादी परंपरा, रीति-रिवाज व धर्म-संस्कृति छोड़ चुका है, सरकार उसे एसटीआरक्षण का लाभ देना बंद करे़ महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि 1950 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जन्म से लेकर मरण तक के आदिवासी रीति-रिवाज, परंपरा और धर्म छोड़ दूसरों के रीति-रिवाज, परंपरा और धर्म अपना कर आदिवासी का लाभ नहीं ले सकते़
उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश लागू कराये़ प्रेस वार्ता में रामसहाय सिंह मुंडा, ललित कच्छप, डबलू मुंडा, जगन्नाथ तिर्की, अंजू टोप्पो, किरण तिर्की, वीणा देवी आदि मौजूद थे़

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