10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को दी स्वीकृति, विवि शिक्षकों के सातवें वेतनमान को मिली मंजूरी

वेतन व अन्य सुविधाओं में 2.7% का मिलेगा लाभ रांची : राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षकों को सातवें वेतनमान देने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है. वेतनमान का स्वरूप व अन्य गाइडलाइन तय करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन […]

वेतन व अन्य सुविधाओं में 2.7% का मिलेगा लाभ
रांची : राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षकों को सातवें वेतनमान देने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है.
वेतनमान का स्वरूप व अन्य गाइडलाइन तय करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में दो कुलपति, वित्त सचिव, उच्च शिक्षा सचिव, उच्च शिक्षा निदेशक व िवकास आयुक्त को शामिल िकया गया है.
उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक अबु इमरान व उपनिदेशक संजीव चतुर्वेदी ने शिक्षकों को सातवां वेतनमान दिलाने के लिए विभागीय प्रस्ताव बनाने का कार्य किया. विवि में शिक्षकों को अभी छठे वेतनमान का लाभ मिल रहा है. सातवें वेतनमान का लाभ मिलने पर प्रत्येक शिक्षकों के वेतन में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी. शिक्षकों को 20 से 30 हजार रुपये का फायदा हो सकता है.
वर्तमान में व्याख्याता को लगभग 60 से 65 हजार रुपये, रीडर को लगभग सवा लाख रुपये अौर प्रोफेसर को लगभग एक लाख 70 हजार रुपये मिल रहे हैं. वेतनमान को लागू करने अौर इसमें कई मुद्दों पर संशोधन के लिए विवि शिक्षकों ने देश भर में आंदोलन भी किया.
झारखंड सहित दिल्ली में धरना व प्रदर्शन भी किया. सातवें वेतनमान के तहत केंद्र से राज्यों को मिलनेवाली राशि में दो तिहाई की कमी की गयी है. नये मापदंड के अनुसार केंद्र राज्यों को शिक्षकों के वेतन मद में दी जानेवाली राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा यानी 39 माह तक ही वहन करेगा. छठे वेतनमान में केंद्र 51 माह में 80 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में देता था. बढ़े हुए वेतन का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें