मांडर : मांडर प्रखंड में आपूर्ति विभाग की लापरवाही के कारण गरीबों के बीच वितरित किया जाने वाला सैकड़ों पैकेट झारखंड नमक गोदाम में ही पड़े-पड़े एक्सपायर हो गया. प्रखंड मुख्यालय स्थित किसान भवन में सैकड़ों बैग में रखे इस झारखंड नमक की निर्माण की तिथि जनवरी 2017 है. इसके प्रयोग की अंतिम अवधि जनवरी 2018 तक ही थी.
जानकारी के अनुसार सिर्फ एक रुपये में उपलब्ध आयोडीन युक्त इस झारखंड नमक को पीएचएच व अंत्योदय कार्डधारियों के बीच पांच-पांच पैकेट का वितरण प्रत्येक माह किया जाना है. लेकिन 2017 में प्रखंड में आपूर्ति विभाग व गोदाम प्रबंधक की लापरवाही के कारण यह नमक न तो पीडीएस दुकानों तक पहुंचा व न ही इसका लाभ इसके हकदारों को मिला. जो खुले बाजार से 10 से 15 रुपये तक की दर से नमक खरीद कर खाने को मजबूर रहे. अब गोदाम में इतनी बड़ी मात्रा में नमक के एक्सपायर हो जाने पर किसी के पास कोई जवाब नहीं है.
मामले के संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी गोदाम प्रबंधक मधुसूदन ठाकुर ने सफाई दी कि शीघ्र ही इस नमक को लाभुकों के बीच बांट दिया जायेगा. इधर बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने कहा कि नमक के गोदाम में पड़े होने व उसे शीघ्र ही बांट देने की बात की जानकारी उन्हें दी गयी थी. लेकिन बाद में उसे वितरित किया गया या नहीं उसकी सूचना उन्हें नहीं दी गयी है.