रांची : झारखंड सरकार ने कहा है कि राजधानी रांची मेट्रो रेल सेवा के लिए तैयार है. सरकार ने अपनी नीति तैयार कर ली है. प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. राज्य सरकार के अधिकारियों ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ को दी. सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार पहले से ही मेट्रो सेवा के लिए अपनी नीति तैयार कर चुकी है.
10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों के लिए मेट्रो सेवा को मंजूरी दी गयी है. मेट्रो सेवा के लिए रांची सभी मापदंडोंको पूरा करता है. सुनवाई के दाैरान सचिव ने यह भी बताया कि विभाग ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए आगे की योजना बना रहा है. ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए राजधानी के विभिन्न हिस्सों में साइकिल सेवा शुरू की जायेगी.
रांची नगर निगम के साथ मिल कर विभाग साइकिल का कियोस्क बनायेगा. यहां पर मोटर वाहन के स्थान पर स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग की जानेवाली साइकिल किराये पर उपलब्ध होगी. लोग अपने काम के स्थान पर जाने के लिए साइकिल का उपयोग करेंगे. वहीं, अपने वाहन पार्किंग में खड़ा करेंगे. इस योजना से मुख्य मार्गों पर वाहनों का दबाव कम करने में सुविधा मिलेगी.
उन्होंने सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. रांची शहर में वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रयास चल रहा है. डोरंडा के रास्ते नेपाल हाउस होते हुए रांची स्टेशन जाने की व्यवस्था की जायेगी. नामकुम के रास्ते से होते हुए बाहर से एयरपोर्ट जाने के लिए सड़क बनायी जायेगी. अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ जानेवाले रास्ते की फोर लेनिंग की जायेगी.
पथ निर्माण विभाग के सचिव एमआर मीणा ने खंडपीठ को बताया कि अलबर्ट एक्का चौक से जेल मोड़ तक जाने वाली सड़क व शहीद चौक वाली सड़क को वन-वे किया जायेगा. ट्रैफिक कचहरी चौक जायेगी और दूसरी ओर से वापस अलबर्ट एक्का चौक आयेगी.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता राहुल कुमार दास ने पूर्व चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. पत्र को चीफ जस्टिस ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. इसमें कहा गया कि खादगढ़ा बस स्टैंड व कांटाटोली चौक के आसपास हमेशा जाम की समस्या पैदा होती है. खंडपीठ मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को करेगा.