रांची: दो दिन पहले (27 सितंबर) पर्यटन दिवस मनाया गया है. यह सभी जानते हैं कि झारखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. लेकिन, राज्य में इसे अभी अपेक्षित बढ़ावा नहीं मिला है. इधर, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तथा वर्तमान में पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव राजेश कुमार वर्मा का मानना है कि पर्यटन क्षेत्र को बेहतर करने के लिए छह चीजों की जरूरत है.
पहला पर्यटन के लिए गंतव्य या मंजिल (डेस्टिनेशन), जिसकी झारखंड में कोई कमी नहीं है. वहीं अन्य पांच जरूरी मुद्दे हैं परिवहन की सुविधा, रहने या ठहरने की सुविधा, मनोरंजन के साधन, सुरक्षा तथा जलपान व भोजन के लिए होटल या रेस्तरां.
इग्नू से टूरिज्म स्टडी में स्नातक तथा यूरिज्म मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री होल्डर श्री वर्मा का मानना है कि इन छह चीजों के जरिये राज्य के दलमा, सारंडा, हजारीबाग नेशनल पार्क, बेतला नेशनल पार्क व देवघर सहित कई अन्य स्थानों को टूरिज्म मार्केट में बदला जा सकता है. दलमा और घाटशिला को लेकर श्री वर्मा ने एक्सएलआरआइ, जमशेदपुर के सहयोग से कई प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है.
इनमें मार्केटिंग अॉफ दलमा वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट, इकोटूरिज्म इन दलमा वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट, स्ट्रेटजी फॉर मार्केटिंग टूरिज्म डेस्टिनेशन इन झारखंड, स्पेशल रिफ्रेंस टू घाटशिला तथा अॉर्गनाइजिंग कल्चरल फेस्टिवल टू प्रमोट टूरिज्म, स्पेशल रिफ्रेंस टू डांस, ड्रामा एंड म्यूजिक शामिल हैं. पर्यटन को अपना स्वाभाविक विषय मानने वाले श्री वर्मा के अनुसार झारखंड में अकेले टूरिज्म के बल पर बड़ा राजस्व कमाने की संभावना है. धीरे-धीरे उस दिशा में काम हो भी रहा है. जरूरत है इस क्षेत्र में नीतिगत व त्वरितकार्रवाई की.