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झारखंडः यूथ कांग्रेस चुनाव में पैसे के लेन देन का खेल, पढ़ें पूरी बातचीत
यूथ कांग्रेस के चुनाव में पैसे के लेन-देन की बात सामने आयी है़ युवा कांग्रेस के ही एक पदाधिकारी और चुनाव के दौरान केंद्र से भेजे गये एसेंबली रिटर्निंग ऑफिसर, एआरओ के बीच बातचीत में पैसे के लेने-देने की बात सामने आयी है़ शुभम शुक्ला नाम के एआरओ ने प्रदेश के एक पदाधिकारी के साथ […]
यूथ कांग्रेस के चुनाव में पैसे के लेन-देन की बात सामने आयी है़ युवा कांग्रेस के ही एक पदाधिकारी और चुनाव के दौरान केंद्र से भेजे गये एसेंबली रिटर्निंग ऑफिसर, एआरओ के बीच बातचीत में पैसे के लेने-देने की बात सामने आयी है़ शुभम शुक्ला नाम के एआरओ ने प्रदेश के एक पदाधिकारी के साथ बातचीत के क्रम में बताया है कि कैसे उसके जिला चुनाव पदाधिकारी, डीआरओ ने पैसे कमाये है़ं डीआरओ द्वारा चार लाख रुपये तक लेने की बात सामने आयी है़ प्रभात खबर के पास युवा कांग्रेस के नेता और एआरओ के बीच बातचीत का ऑडियो स्टिंग है़ हम उसे हू-ब-हू छाप रहे है़ं बातचीत के कुछ अनावश्यक अंश हटाये गये है़ं.
यूथ कांग्रेस नेता : नमस्ते, क्या हाल है भाई
एआरओ : बढ़िया है भइया
यूथ कांग्रेस नेता : कहां हो अभी
एआरओ : अभी गांव में
यूथ कांग्रेस नेता : गांव मतलब इलाहाबाद
एआरओ : जी भइया
यूथ कांग्रेस नेता : ओह, कब पहुंचे वहां
एआरओ : वहां तो उसी दिन, जिस दिन मैंने आपको बताया था़ उस दिन शाम को पहुंच गया था. सात तारीख को ही
यूथ कांग्रेस नेता : और मोहित
एआरओ : मोहित भी, आज दिल्ली पहुंच जायेगा़
यूथ कांग्रेस नेता : मोहित रूक गया था क्या
एआरओ : हां मोहित रूक गया था़ वहां पर ट्रेन नहीं मिल रहा था. टिकट नहीं मिल रहा था ना़ कल निकला था
यूथ कांग्रेस नेता : ओहो-ओहो
यूथ कांग्रेस नेता : और रवि भाई
एआरओ : रवि भाई तो उसी दिन काउंटिंग के दिन ही निकल गये़ काउंटिंग करवा के निकल गये़
यूथ कांग्रेस नेता : चलो यहां तो सब बढ़िया से हो गया
एआरओ : बढ़िया हो गया ना भइया
यूथ कांग्रेस नेता : बढ़िया हो गया, लेकिन हम लोग को थोड़ा सा हिंट्स मिलता तो हमलोग भी बढ़िया कर लेते यार
एआरओ : वहीं तो आपको ताे मैंने पहले ही बताया था, उसी का नाम पहले आ रहा है
यूथ कांग्रेस नेता : अभिजीत का़
एआरओ : गौरव का़ गौरव का, गौरव ही तो जीता
यूथ कांग्रेस नेता : गौरव जीता, लेकिन अभिजीत का भी अच्छा वोट आया यार
एआरओ : हां सेकेंड नंबर पर वही है़
यूथ कांग्रेस नेता : सेकेंड पर वह है, थर्ड पर राजा है़
एआरओ : हूं
यूथ कांग्रेस नेता : राजा मैनेज नहीं कर पाया़ सही से़ थोड़ा सा लफड़ा हो गया़
एआरओ : हां मैनेज नहीं कर पाया
यूथ कांग्रेस नेता : मैनेज कर लिया होता ना, तो उसको इतना टेंशन नहीं होता़
एआरओ : हूं
यूथ कांग्रेस नेता : हमलोग भी इतना मेहनत किये़ हमलोग भी मेहनत किये़ देखबे किया़
उस दिन भी बात हो जाती, तो कुछ हो जाता़
एआरओ : बहुत कुछ हो जाता
यूथ कांग्रेस नेता : लेकिन क्या बताये, चलो जो होना था वह हो गया़
यूथ कांग्रेस नेता : कितना साल का टर्म होता है
एआरओ : तीन साल का
यूथ कांग्रेस नेता : एेतना दिन से सही से बात भी नहीं सबसे मिल भी नहीं पाये़
एआरओ : अब तो मिलते रहेंगे
यूथ कांग्रेस नेता : लेकिन मिल लेते पहले बढ़िया से, तो वही बढ़िया था यार
एआरओ : आपको भी काम था
एआरओ : डीआरओ ने कहा जाना है, हमने कहा ठीक है चले जायेंगे
यूथ कांग्रेस नेता : देखो डीआरओ का कुछ कुछ चीज समझ में नहीं आया, देखो उस दिन रात में हम नहीं बोले थे़ यार हमको कुछ कुछ चीज समझ में नहीं आता है़ हमको मोहित बोला भी़ भइया हमलोग को तो कुछ शेयर करता ही नहीं है,जबकि साथ में पढ़े है़ं साथ मेें वही उठते बैठते है़ तब भी हमारा कोई वो नहीं है, कोई मतलब नहीं है़.
यूथ कांग्रेस नेता : मिला होगा जरूर यार, अच्छा मिला होगा़
एआरओ : हां-हां अच्छा मिला है़ कह रहा था कुछ नहीं मिला़ जिसकी तरफ से स्पोर्ट किया था़ अच्छा ही मिला है़ चूंकि तभी तो वो निकला है़
यूथ कांग्रेस नेता : वही-वही, उधर से भी, और सबसे मेने तो ई था़ अभिजीत है़ इसलिए कि अभिजीत हमको पहले हिंटस किया था़ कह रहा था आपके यहां के जो डीआरओ हैं, हमारे बहुत करीबी है़ हमको लगा कि करीबी मतलब जान पहचान होगा़ हमको क्या मालूम की पहले ही मिल लिया था़
एआरओ : अरे पहले ही मिल लिया था वो, तभी तो इतना करीबी हो गया़ कौन किसका करीबी होता है़ आज के डेट में तो लक्ष्मी माई ही सबसे बड़ी है़ इसलिए उसने पहले ही मिल लिया था़ पहले ही बता रहा था, जब दिल्ली में था, बता रहा था़ अभिजीत-अभिजीत़ बहुत अच्छे आदमी हैं. मैंने कहा अच्छा़ मुझे क्या मालूम कि इतने अच्छे आदमी है़ं अपने ही बंदे के गला काटेगा़
एआरओ : हमारा डीआरओ गद्दारी कर गया़ और कुछ नहीं
यूथ कांग्रेस नेता : चलो हो गया
यूथ कांग्रेस नेता : गद्दारी क्या़
एआरओ : अरे हमारे साथ ही कर गया़
यूथ कांग्रेस नेता : क्या
एआरओ : जो हमारा आया था, वो भी नहीं दिया हमे़ं उसमें से भी काट गया़
यूथ कांग्रेस का नेता : लगता है कि यहां वाला भी उसका दोस्त, उस्त था क्या सोलंकी
एआरओ : हां, हां
यूथ कांग्रेस नेता : धनबाद में जो था़ रवि और सोलंकी दोस्त है़ं
एआरओ : नहीं-नहीं बातचीत है उनकी और कुछ नही़ं
यूथ कांग्रेस नेता : लगता है यही मैनेज करा दिया
एआरओ : हां
यूथ कांग्रेस नेता : अब हमलोग जान गये ना, अब अगली बार आना. तुम्हीं लोग पहले ही हमलोग बात कर रहे थे़
एआरओ : सारा काम तो सिस्टम के अंदर ही था़ ध्यान भी किसी का
यूथ कांग्रेस नेता : इसको कितना मिला यार
एआरओ : चार
यूथ कांग्रेस नेता : चार
एआरओ : हां-हां
यूथ कांग्रेस नेता : अच्छा वाह
यूथ कांग्रेस नेता : तुमलोग को
एआरओ : कुछ नहीं
यूथ कांग्रेस नेता : ऐसा क्या
एआरओ : सच्ची में ऐसा कुछ नहीं मिला और हमसे बातचीत भी बंद कर दी
यूथ कांग्रेस नेता : अरे राम, इ तो गंदा किया
एआरओ : कुछ भी नहीं दिया, किसी को
यूथ कांग्रेस नेता : इ बेचरा एकजोत सिंह, सीधा-साधा आदमी़ फ्री में फंस गया़
एआरओ : ये भी तो लेकर गया
यूथ कांग्रेस नेता : एकजोत को भी मिला़
एआरओ : हां-हां
यूथ कांग्रेस नेता : अरे वाह, देखने मेें बड़ा सीधा-सीधा सब है यार
एआरओ : दिखने में ही सीधा है ना़ मिठाइय के डिब्बे में आया था़
यूथ कांग्रेस नेता : हां
एआरओ : यही लेकर आया था, कोई लड़का था़ वही लेकर आया था़ तीन डिब्बे लेकर आया था मिठाई का़
यूथ कांग्रेस नेता : कहां रांची की, यहीं पे
एआरओ : यहीं पे, हजारीबाग में ही
यूथ कांग्रेस नेता : मिठाई के डब्बा में, कौन भिजवाया था़
एआरओ : वही अभिजीत
यूथ कांग्रेस नेता : बरही वाला मेरा गेम हुआ था़
एआरओ : अरे गेम हुआ था़
एआरओ : पता है, इसने क्या किया, कहा तुम वोट नहीं डालोगे तो मैं ही डालूंगा़ रातो-रात सिस्टम बदल देते है़ं
यूथ कांग्रेस नेता : चलो यार कभी आते-जाते रहो, तो मिलना. ऐसे वहां से तुमरा कितना दूर है़ आगरा से तुम्हारा घर
एआरओ : दिल्ली से 200 किमी दूर है़ यहां से चार सौ किमी पड़ता है़ आगरा से पॉलिटेक्निक किया है़ अभी दिल्ली शिफ्ट हुआ
यूथ कांग्रेस नेता : चलो भाई मोहित भाई को भी़
इसके बाद फोन कट जाता है़
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