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निजी विश्वविद्यालय तय समय में परिसर प्रारंभ करें अन्यथा सामान समेटे : नीरा यादव

रांची (भाषा) : झारखंड में उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु अनुमति प्राप्त संस्थाओं को आज राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह हर हाल में दी गयी समय सीमा में अपना परिसर प्रारंभ करें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करें अन्यथा वह राज्य से अपना बोरिया बिस्तरा समेट लें. झारखंड की […]

रांची (भाषा) : झारखंड में उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु अनुमति प्राप्त संस्थाओं को आज राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह हर हाल में दी गयी समय सीमा में अपना परिसर प्रारंभ करें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करें अन्यथा वह राज्य से अपना बोरिया बिस्तरा समेट लें. झारखंड की मानव संसाधन विकास मंत्री नीरा यादव ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसी भी निजी विश्वविद्यालय को महज डिग्री बेचने के लिए यहां परिसर स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गयी है. राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर बढाने के लिए और यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने के लिए ही निजी विश्वविद्यालय को यहां स्थापित करने में राज्य सरकार अनेक तरह की सुविधाएं प्रदान कर रही है. एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि शिक्षा का स्तर अच्छा न पाये जाने पर और डिग्री बेचने जैसी शिकायत सही होने पर राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

शिक्षक अभ्यर्थियों ने मुंडवाया सिर

संवाददाता सम्मेलन में उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय को छह माह के भीतर अपने परिसर स्थापित कर व्यवस्थित शैक्षणिक सत्र चलाने के निर्देश दिये गये हैं. उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसा न करने पर राज्य में उन्हें काम करने की दी गयी अनुमति वापस ले ली जायेगी.उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा उच्च शिक्षा विभाग की एक समिति कर रही है और उनकी सभी गतिविधियों पर उनकी नजर है.उन्होंने कहा कि झारखण्ड के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार दृढ संकल्पित है, इसके लिए सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति, छात्राओं के लिए महाविद्यालय बस सेवा, प्रयोगशाला एवं पुस्तकालयों का नवीनीकरण आदि का कार्य किया जा रहा है. सरकार विद्यार्थयों की प्रतिभा को निखारने के लिए समागम का भी आयोजन कर रही है.
यादव ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता है कि राज्य का हर बच्चा स्कूल तक पहुंचे. इसके लिए विभाग की ओर से योजनाएं चलायी जा रही हैं. मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के माध्यम से सरकार मेधावी एवं निर्धन छात्र- छात्राओं को उच्च शिक्षा या विदेश में शिक्षा के लिए एक लाख रपये तक का मदद दे रही है. उन्होंने बताया कि सुदूर क्षेत्र की बालिकाओं के लिए सरकार ने महाविद्यालय महिला बस सेवा भी शुरु कर रही है ताकि छात्राओं को कॉलेज आने जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। विभाग भ्रष्टाचार मुक्त शिक्षा सेवा के लिए भी प्रयासरत है. विभाग की तरफ से विद्यार्थियों को दी जाने वाली राशि का भुगतान उनके खाते में किया जा रहा है पिछले दो वर्षों में विभाग ने उच्च विद्यालय के 95 प्रतिशत और मध्य विद्यालय के 80 प्रतिशत से अधिक छात्र- छात्राओं का बैंक खाता खुलवा चुकी है.
यादव ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालय में अब तक की पढाई हो रही है. साथ ही इन स्कूलों में अब विज्ञान और कॉमर्स की भी पढाई वर्तमान सत्र से शुरु किया गया है. छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए कस्तूरबा समागम का भी आयोजन नियमित रुप से किया जा रहा है. इसके साथ ही शिक्षक समागम का भी आयोजन कर विभाग उनसे जुडे समस्या और सुझाव पर चर्चा और विचार कर रहा है. यादव ने कहा कि आने वाले समय में पदाधिकारियों का भी समागम विभाग द्वारा आयोजित किया जायेगा. सरकार ने पहली बार राज्य के संस्कृत और मदरसा विद्यालयों को अनुदान देने पर अपनी मुहर लगा दी है.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि विभाग ने प्राइवेट स्कूल फी रेगुलेटरी एक्ट तैयार कर लिया है और जल्द ही इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य के 160 विद्यालयों में वोकेशनल कोर्स भी शुरु किया गया है ताकि छात्रों का कौशल विकास समय पर किया जा सके. छात्रों की सुविधा के लिए विभाग अब संथाली, हो, मुंडारी, खड़िया और कुडुख भाषा में भी पुस्तकों को उपलब्ध करा रही है. अगले शैक्षणिक सत्र से विभाग उर्दू में भी पुस्तकें उपलब्ध कराएगा.
उन्होंने कहा कि विभाग ने वैसे शिक्षकों पर कार्वाई का आदेश दिया है जिनके स्कूलों में वर्तमान सत्र में इंटर और मैट्रिक का परिणाम खराब हुआ है. विभाग की तरफ से वैसे शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया जा रहा है जिन्होंने मैट्रिक और इंटर में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. अब सभी इंटर स्कूलों में विद्यार्थियों का 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दिया गया है. संवाददाता सम्मेलन में उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उच्च शिक्षा में नई सोच को बढावा देने का निदेश विभाग को दिया है. सरकार की सकारात्मक सोच को धरातल पर उतारने के लिए विभाग ने योजनाओं के माध्यम से काम प्रारंभ कर दिया है. उन्होंने बताया कि यहां स्थापित देश के तीसरे रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का सत्र शुरु हो चुका है और पहले बैच के सभी छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट भी दिया जायेगा. बेहतर अकादमिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विनोद बिहारी महतो, कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद की स्थापना की जा रही है. रांची कॉलेज, रांची को अपग्रेड करते हुए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है और नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के लिए डाल्टेनगंज में 25 एकड भूमि का हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है.
सिंह ने बताया कि राज्य के 11 चिन्हित जिलों में छात्राओं के लिए महाविद्यालय निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है. राज्य के 12 शैक्षणिक रुप से पिछडे जिले में मॉडल डिग्री महाविद्यालय के स्थापना की स्वीकृति हो चुकी है. डिग्री महाविद्यालय की स्थापना के संबंध में उन्होंने कहा कि पहले चरण में 7 विधानसभा क्षेत्र में सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है. जल्द ही इनकी स्थापना की प्रक्रिया शुरु हो जायेगी. उन्होंने कहा कि विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों में पुस्तकालयों और प्रयोगशाला को बेहतर बनाने का निदेश जारी कर दिया है. सिंह ने बताया कि महाविद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था के लिए नियमावली बना कर जेपीएससी के माध्यम से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है. इससे पूर्व विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति अंतिम चरण में है. प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, के लिए यूजीसी के नियम के अनुरुप नियुक्ति प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है जो जुलाई अगस्त 2017 तक पूरा कर लिया जायेगा. इससे पूर्व कॉलेजों में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी विभाग द्वारा निदेश जारी कर दिया गया है.

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