साहू गगराई जेल के ऑफिस का सारा काम करता है़ जमीन विवाद में हत्या के जुर्म में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है़ वह 17 साल से जेल में बंद है़ वह पहले से मैट्रिक पास था़ जेल में आने के बाद इंटर व बीए की परीक्षा पास की. सश्रम कारावास में होने के कारण उसने अपने काम के लिए ऑफिस का काम चुना़. वर्तमान में वह इतना दक्ष हो गया है कि तीन क्लर्क का काम अकेले संभालता है़ जेल प्रबंधन भी उसके काम से खुश है़ ऑफिस के काम में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की काफी आवश्यकता पड़ती है. इसलिए उसने इस विषय को चुना, ताकि अपने काम में और दक्ष हो जाये़ जमशेदपुर निवासी प्रेम सिंह भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन कुछ दिन पहले उसकी सजा न्यायालय द्वारा 10 वर्ष कम कर दिये जाने के कारण उसे रिहा कर दिया गया़ हालांकि वह परीक्षा देने के लिए जेल आयेगा़ वर्तमान में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के कैदी पूर्ण साक्षर हैं.
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राज्य का पहला ऐसा जेल जहां के कैदी करेंगे एमए
रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची के छह कैदी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय में मास्टर बनेंगे़ उन्होंने इसके लिए फाॅर्म भर दिया है़ इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी(इग्नू) से ये एमए करेंगे़ होटवार जेल राज्य का पहला ऐसा जेल है, जहां के कैदी मास्टर डिग्री का कोर्स कर रहे हैं. इसके पूर्व इन्होंने इग्नू से […]
रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची के छह कैदी पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय में मास्टर बनेंगे़ उन्होंने इसके लिए फाॅर्म भर दिया है़ इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी(इग्नू) से ये एमए करेंगे़ होटवार जेल राज्य का पहला ऐसा जेल है, जहां के कैदी मास्टर डिग्री का कोर्स कर रहे हैं. इसके पूर्व इन्होंने इग्नू से बैचलर डिग्री का कोर्स किया है़ ये सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. इनमें चाईबासा के साहू गगराई व जमशेदपुर के प्रेम सिंह सहित छह कैदी शामिल हैं.
साहू गगराई जेल के ऑफिस का सारा काम करता है़ जमीन विवाद में हत्या के जुर्म में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है़ वह 17 साल से जेल में बंद है़ वह पहले से मैट्रिक पास था़ जेल में आने के बाद इंटर व बीए की परीक्षा पास की. सश्रम कारावास में होने के कारण उसने अपने काम के लिए ऑफिस का काम चुना़. वर्तमान में वह इतना दक्ष हो गया है कि तीन क्लर्क का काम अकेले संभालता है़ जेल प्रबंधन भी उसके काम से खुश है़ ऑफिस के काम में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की काफी आवश्यकता पड़ती है. इसलिए उसने इस विषय को चुना, ताकि अपने काम में और दक्ष हो जाये़ जमशेदपुर निवासी प्रेम सिंह भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन कुछ दिन पहले उसकी सजा न्यायालय द्वारा 10 वर्ष कम कर दिये जाने के कारण उसे रिहा कर दिया गया़ हालांकि वह परीक्षा देने के लिए जेल आयेगा़ वर्तमान में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के कैदी पूर्ण साक्षर हैं.
2003-04 से अब तक 247 कैदियों ने की है 10वीं व 81 ने इंटर
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में वर्ष 2003-04 से 10वीं व इंटर की पढ़ाई शुरू हो गयी थी़ शुरू-शुरू में कैदियों ने पढ़ाई में उतनी रुचि नहीं दिखायी़ वर्ष 2007-08 से पढ़नेवालों की संख्या में इजाफा हुआ़ उस वर्ष 27 कैदियों ने 10वीं की परीक्षा दी़ उसके बाद 2009-10 से पढ़नेवालों की संख्या में वृद्धि होती गयी़ इस वर्ष 74 कैदियों ने 10वीं की परीक्षा दी़ उसी प्रकार इंटर यानी 12वीं की परीक्षा में 2014-16 तक 81 कैदियों ने इंटर की परीक्षा पास की है़ सभी कैदी आजीवन कारावास के हैं.
10 कैदी ले चुके हैं बैचलर की डिग्री
जेल में इग्नू से कराये जा रहे बैचलर डिग्री कोर्स के 10 कैदी पास कर चुके हैं. इनमें आदित्य कुमार, प्रेम सिंह, जगदीश चौधरी, नंदकिशोर बड़ाइक, सरोज कुमार(बीकॉम), साहू गगराई, फूलेंद्र महतो, मुकेश कुमार वर्मा, राम विलाश साहू व रामनरेश साहू शामिल हैं. इनमें से छह कैदी जमानत पर रिहा हो चुके हैं.
कैदियों ने एमए करने की इच्छा जाहिर की थी, उसके बाद हमने इग्नू से बात की़ जेल प्रशासन के प्रयास से बिरसा मुंडा पहला ऐसा जेल होगा, जहां के कैदी मास्टर डिग्री का कोर्स करेंगे़
अशोक कुमार चौधरी, जेल अधीक्षक
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