फोटो फाइल 11आर-16: दिशोम गुरू से बात करते लंबोदर महतो व अन्य. रामगढ़/गोला. पूर्व विधायक व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. लंबोदर महतो ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री कार्यकाल की एक रोचक घटना साझा की. वर्ष 2006-07 में वे महेशपुर (पाकुड़) के बीडीओ थे. स्थानीय विधायक सुफल मरांडी उनके कार्य से इतने प्रभावित थे कि उनका ट्रांसफर रोकना चाहते थे. दूसरी ओर, मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने उन्हें अपने गृह प्रखंड गोला ट्रांसफर करवा दिया. मामला गंभीर हो गया. सुफल मरांडी ने ट्रांसफर रुकवाने या इस्तीफा देने की बात कही, जबकि मंत्री ने ट्रांसफर रद्द होने पर इस्तीफे की धमकी दी. इस विवाद को सुलझाने के लिए गुरुजी ने सुफल मरांडी को बुलाया और समझाया कि लंबोदर महतो की पोस्टिंग उन्होंने स्वयं गोला में करायी है, और महेशपुर में अच्छा अधिकारी को भेजा जायेगा. सुफल मरांडी मान गये और विवाद समाप्त हो गयाॉ. गोला में पोस्टिंग के बाद, गुरुजी के निर्देश पर डॉ. महतो ने एसजीआरआई योजना से उनके घर के पास तालाब और सड़क का निर्माण कराया. डॉ. महतो ने यह भी बताया कि 1980 में कसमार प्रखंड के हिसीम गांव में उनका पहला भाषण गुरुजी की उपस्थिति में हुआ था. उसी दिन गुरुजी ने उन्हें राजनीति और झारखंड आंदोलन में सक्रिय होने की प्रेरणा दी थी.
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