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रात में आवाजाही पूरी तरह बंद, कच्चे मकानों में रहने वाले लोग पक्के मकानों में ठहरे

रात में आवाजाही पूरी तरह बंद, कच्चे मकानों में रहने वाले लोग पक्के मकानों में ठहरे

:::चुटूपालू घाटी के पहाड़ पर हाथी का दस्तक, शाम से पहले ही खाना खाकर घरों में दुबक रहे हैं लोग प्रतिनिधि, रामगढ़ रामगढ़ जिले में हाथियों का आतंक शुक्रवार को भी जारी रहा. रामगढ़-रांची एनएच 33 घाटी से सटे पहाड़ पर जमे 18 हाथियों का झुंड आस-पास के गांवों में घुस कर खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं. दूसरी ओर रामगढ़-बोकारो सीमा बड़की टुंडी एवं अन्य इलाकों में भी हाथियों ने खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर दिया. क्षेत्र के लोग शाम से पहले ही खाना खाकर घरों में दुबक जा रहे हैं. लोगों ने रात में आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दिया है. छोटे-छोटे कच्चे मकानों में रहने वाले लोग आसपास के पक्के मकानों में आकर शरण ले रहे हैं. हाथियों का झुंड तीन ग्रुप में बंटा है : रामगढ़ डीएफओ नीतीश कुमार के अनुसार 42 हाथियों का झुंड एक सप्ताह पहले रामगढ़ में प्रवेश किया था. 42 हाथी छह अलग-अलग समूहों में बंट कर विभिन्न क्षेत्रों में भटक रहे थे. वन विभाग के प्रयास से इन हाथियों के अलग-अलग झुंड को दो समूह में लाने में सफलता मिली है. हाथियों के 18 से 20 का समूह बोकारो सीमा में प्रवेश कर गया था, लेकिन इसमें दस हाथी फिर रामगढ़ वन क्षेत्र में प्रवेश कर गये हैं. बड़की टुंडी एवं अन्य इलाकों में खेती को नुकसान पहुंचा है. हाथियों का दूसरा झुंड रामगढ़-रांची सीमाने पर घाटी से सटे पहाड़ों पर मौजूद है. रांची वन क्षेत्र में हाथियों के प्रवेश को रोका : चुटूपालू घाटी पहाड़ के पास जमे हाथी रांची व रामगढ़ वन क्षेत्र के बीच फंस गये हैं. हाथियों का झुंड रांची वन क्षेत्र की ओर बढ़ता है, तो वहां की क्यूआरटी द्वारा पटाखा छोड़ कर हाथियों को वापस भेज दिया जाता है. पहाड़ से नीचे कांकेबार, कच्चूदाग समेत कई गांवों में हाथियों के आगे बढ़ने पर रामगढ़ वन क्षेत्र की टीम सायरन बजा कर व मशाल जला कर वापस पहाड़ों की ओर खदेड़ रहे हैं. क्या कहते हैं ग्रामीण : रामगढ़ घाटी से सटे कांकेबार और कच्चूदाग के ग्रामीण हाथी से भयभीत हैं. योंगेद्र कुमार ने बताया कि गांव के लोग सावधानी से अपने-अपने खेतों में जा रहे हैं. गांव के प्रवेश द्वार पर वन विभाग की साइरन वाली गाड़ी भी लगातार आ रही है. गांव के लोग की दिनचर्या भी बदल गयी है. हमार हाथी ऐप दो का इस्तेमाल करें : डीएफओ डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि हमार हाथी ऐप दो का इस्तेमाल ग्रामीण अधिक से अधिक करें और क्षेत्र में हाथी आने पर इस ऐप से जानकारी दें. वन विभाग की टीम सहायता पहुंचायेगी. हाथी संयुक्त परिवार में एक साथ रहना पसंद करते हैं. अलग-अलग समूहों में बंटने के कारण रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश हो रहा है.

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