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रैलीगढ़ा लोकल सेल में दंगलों के बीच गाड़ी बांटने से किया इंकार

रैलीगढ़ा लोकल सेल में दंगलों के बीच गाड़ी बांटने से किया इंकार

प्रतिनिधि, गिद्दी (हजारीबाग) सीबीआइ की टीम ने पिछले दिन गिद्दी सी व रैलीगढ़ा लोकल सेल का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान सीबीआइ ने कई अधिकारियों, कर्मियों व लिफ्टरों से पूछताछ की थी. टीम ने गिद्दी सी के एक अधिकारी व दो कर्मियों के मोबाइल को जब्त भी कर लिया है. लोकल सेल में अब सीबीआइ का साइड इफैक्ट पड़ रहा है. रैलीगढ़ा में प्रबंधन के आदेश पर सीसीएलकर्मी ने दंगलों के बीच गाड़ी बांटने से साफ इंकार कर दिया है. इसके कारण रैलीगढ़ा में लोकल सेल की गाड़ियों में कोयला लदाई का कार्य बाधित है. इससे लिफ्टर व मजदूर परेशान हैं. गिद्दी सी लोकल सेल में भी कोटा से कम गाड़ियां लग रही हैं. सीसीएलकर्मी व अधिकारियों में सीबीआइ का खौफ है. 26 फरवरी को सीबीआइ की टीम रैलीगढ़ा व गिद्दी सी पहुंची थी. इस दौरान अधिकारियों, कर्मियों व अन्य से लंबी पूछताछ की थी. सीबीआइ की टीम ने कई लोगों से मोबाइल नंबर भी लिया है. जिस दिन यहां सीबीआइ की टीम पहुंची थी, उस दिन लोकल सेल सेंटर से कई गाड़ियां खाली लौट गयी थीं. गिद्दी सी लोकल सेल में पिछले तीन दिन से कोटा से कम गाड़ियां लग रही हैं. रोड सेल संचालन समिति के लोग सेल सेंटर में कम दिखायी दे रहे हैं. वर्ष 1991 की रैलीगढ़ा घटना के बाद मजिस्ट्रेट ने स्थानीय पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में 248 दंगल के मजदूरों के बीच परिचय पत्र निर्गत किया था. कोलियरी के कर्मी दंगलों के बीच गाड़ी का वितरण करते आ रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि जिस दिन सीबीआइ की टीम यहां पहुंची थी, उस दिन भी पुरानी व्यवस्था से कुछ गाड़ियों में कोयला लदाई का कार्य हुआ था. कोलियरी प्रबंधन के आदेश पर कर्मी दंगलों के बीच गाड़ियों का वितरण करने से अब इंकार कर रहे हैं. इसके कारण 16-17 गाड़ियों में कोयला लदाई का कार्य शनिवार को नहीं हो पाया. गाड़ियां सेल सेंटर में खड़ी हैं. इस संबंध में मजदूरों व लिफ्टरों ने कोलियरी प्रबंधन से बातचीत की, लेकिन प्रबंधन अपनी बात पर अड़ा है. दंगलों के बीच गाड़ियों का वितरण नहीं होने से कोयला लदाई का कार्य बाधित : रैलीगढ़ा के लिफ्टर अरुण नायक ने कहा कि दंगलों के बीच गाड़ियों का वितरण नहीं हुआ. इसके कारण गाड़ियों में कोयला लदाई का कार्य बाधित है. पहले सिस्टम से काम हो रहा था. अब प्रबंधन इंकार कर रहा है. इससे हमलोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. दंगल नंबर 11 के मजदूर राजेंद्र गोप ने कहा कि यह बात सार्वजनिक है कि वर्ष 1991 में रैलीगढ़ा घटना के बाद यहां पर लोकल सेल सिस्टम से चल रहा है. मजिस्ट्रेट ने दंगल के मजदूरों को परिचय पत्र निर्गत किया है. कोलियरी के कर्मी दंगल के मजदूरों के बीच गाड़ियों का वितरण करते आ रहे हैं, लेकिन प्रबंधन के आदेश पर कर्मी अब इंकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो पुरानी व्यवस्था बनी हुई है, उसी व्यवस्था से यहां पर लोकल सेल चलना चाहिए. कोलियरी प्रबंधन ने कहा कि पे लोडर से गाड़ियों में कोयले की लदाई होती है. सीसीएलकर्मी दंगल मजदूरों के बीच गाड़ी का वितरण नहीं करते हैं. पहले इसकी क्या व्यवस्था थी, हम नहीं जानते हैं.

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Prabhat Khabar News Desk
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