पतरातू. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने देश के बंदरगाहों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सीआइएसएफ ने पहली बार निजी सुरक्षा कर्मियों के लिए बंदरगाह सुविधा सुरक्षा पाठ्यक्रम शुरू किया है. इसकी शुरुआत एक साथ मुंबई के जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) व चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण (सीएचपीए) में की गयी है. कमांडेंट, केऔसुब इकाई पीवीयूएनएल पतरातू ने बताया कि इस पहल का मकसद निजी सुरक्षा कर्मियों की क्षमता बढ़ाना, सभी बंदरगाहों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को एक जैसा बनाना व अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करना है. देश में करीब 200 बंदरगाह हैं, जिनमें से लगभग 65 सक्रिय हैं. बड़े 13 बंदरगाहों की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे है, जबकि छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा में निजी एजेंसियों की अहम भूमिका होती है. इन्हीं कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. दो सप्ताह का यह कोर्स जहाजरानी महानिदेशालय समेत अन्य एजेंसियों के सहयोग से तैयार किया गया है. इसमें कानूनी ढांचा, खतरे की पहचान, आपातकालीन प्रतिक्रिया व आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग सिखाया जायेगा. पहले चरण में मुंबई, कांडला, चेन्नई, एन्नोर, न्यू मैंगलोर व तूतीकोरिन बंदरगाहों के 66 निजी सुरक्षा कर्मियों ने प्रशिक्षण शुरू किया है. आने वाले दिनों में इसे अन्य बंदरगाहों तक विस्तार दिया जाएगा. सीआइएसएफ अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों व समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के बीच यह पहल बेहद अहम है. इससे न केवल सुरक्षा में मजबूती आएगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका और अधिक प्रभावी होगी.
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