रजरप्पा. रजरप्पा प्रोजेक्ट स्थित ऑफिसर्स क्लब में शनिवार को यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन (एटक) के सातवां सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय उपाध्यक्ष लखन लाल महतो पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए. पर्यवेक्षक श्री महतो ने कहा कि वर्तमान में मजदूर आंदोलन काफी कठिन दौर में है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक झटके में 29 श्रम कानून को चार लेबर कोड में बदल दिया. इससे मजदूरों के सारे अधिकार छीन गये. यह मजदूरों के खिलाफ है. यूनियन बनाने और चलाने, यूनियन का निबंधन कराने का अधिकार खत्म हो गया. अब हड़ताल के लिए 60 दिन पहले नोटिस देनी होगी. बाहरी लोग पदाधिकारी नहीं बन सकते हैं. मजदूरों से 12 घंटे तक काम लेने की तैयारी की जा रही है. आठ घंटे का ही वेतन मिलेगा. इसके विरोध में नौ जुलाई को हड़ताल की जायेगी. क्षेत्रीय अध्यक्ष करमा मांझी व सचिव बने अरुण चौधरी : सम्मेलन में क्षेत्रीय, प्रोजेक्ट, जीएम एवं अन्य कमेटी का पुनर्गठन किया गया. इसमें क्षेत्रीय अध्यक्ष करमा मांझी, उपाध्यक्ष भरत लाल गोसाई, कार्यकारी अध्यक्ष धर्मवीर यादव, सचिव अरुण कुमार चौधरी, सह सचिव बीएनपी वर्मा, सह सचिव एवं कैशियर ब्रजकिशोर पोद्दार, कार्यालय सचिव इंद्रजीत कुमार सिंह के अलावा कार्यकारिणी सदस्य मुजाहिदुल इस्लाम, भीम महतो, महेश प्रसाद, अवधेश राम, विकास रंजन, जगधारी राम, शिवनाथ टाना भगत को बनाया गया. जीएम यूनिट के अध्यक्ष भरत लाल गोसाई, कार्यकारी भीम महतो, सचिव ब्रज किशोर पोद्दार, सह सचिव विकास रंजन, कैशियर इंद्रजीत कुमार सिंह के अलावा कार्यकारिणी सदस्य जगधारी राम, शिवनाथ टाना भगत, कौशल उरांव, ऋतिक कुमार को चुना गया. रजरप्पा प्रोजेक्ट यूनिट के अध्यक्ष गुलजार अंसारी, कार्यकारी अध्यक्ष जाकिर हुसैन, उपाध्यक्ष भीम महतो, सचिव बीएनपी वर्मा, सह सचिव मुजाहिदुल इस्लाम, कैशियर मनोज प्रसाद केसरी, कार्यालय सचिव महेश प्रसाद के अलावा कार्यकारिणी सदस्य में सबीर हुसैन, बंशी मांझी, बल कुमार मांझी, मंजूर, अशरथ करमाली, जगत राम मांझी, सोमाइ मांझी, राजेश कुमार को चुना गया.
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