प्रतिनिधि, मेदिनीनगर जैन धर्म के विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी अन्नू भैया की देखरेख में धार्मिक अनुष्ठान किया जा रहा है. शनिवार की शाम में महाआरती के बाद प्रवचन शुरू हुआ. सुभाष, सुनील व राजीव रारा को प्रथम महाआरती का सौभाग्य प्राप्त हुआ. विधानाचार्य अन्नू भैया ने श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान की महिमा का बखान किया. उन्होंने कहा कि यह विधान सांसारिक कर्म बंधनों से मुक्ति दिलाने का मार्ग प्रशस्त करता है. सिद्ध का अर्थ है मुक्त आत्मा और चक्र का मतलब कर्म बंधनों से छुटकारा दिलाना. उन्होंने कहा कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान जैन धर्म में पूजा का सबसे प्राचीन विधान है. इस तरह सिद्ध चक्र यंत्र जैन धर्म में शुभ और बहुमुखी रहस्यमय आरेख है. जीवन में इसके महत्व को समझने की आवश्यकता है. इस विधान से जीवन में सुख शांति प्राप्त होता है और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. विधानाचार्य ने 64 रिद्धि मंत्रों के साथ श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान की पूजा अनुष्ठान संपन्न कराया. इस दौरान उन्होंने 64 जोड़ों से एक-एक कर अर्घ्य समर्पण कराया और सभी मंत्रों का अर्थ सरल भाषा में समझाया. रविवार की सुबह में विधि विधान से पूजा अनुष्ठान किया गया. विश्व शांति महायज्ञ अनुष्ठान के शुरू होने से पूर्व 11 जोड़ों को इस महोत्सव के गौरवशाली पात्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. शांतिलाल व राजुल बाकलीवाल ने ध्वजारोहण, सुनील व आशा रारा सौधर्म इंद्र, महेंद्र व उर्मिला पाटनी श्रीपाल मैना सुंदरी, उज्जवल व आयुषी रारा धनपति कुबेर, राजीव व रीता रारा यज्ञ नायक, सरस व रिंकू छाबड़ा भरत, सागर व निकिता रारा बाहुबली, आशीष व प्राची रारा यज्ञ नायक, सुनील व सुनीता रारा ईशान इंद्र, विमल व पिंकी कासलीवाल सानत इंद्र और पंकज व ममता पाटनी को महेंद्र इंद्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
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