पाटन. प्रखंड के पांडेयपुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय को वर्ष 2017 में हाई स्कूल का दर्जा मिल चुका है, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी है. हाइस्कूल का दर्जा मिले करीब नौ साल हो जाने के बाद भी पुरानी व्यवस्था से ही काम चलाना पड़ रहा है. पांडेयपुरा पाटन प्रखंड से करीब 20 किलोमीटर दूर पूरब दक्षिण में स्थित है. जहां सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक कार्यरत हैं. जिसमें दो शिक्षक प्राथमिक विद्यालय के हैं. वर्ग एक से पांच व दो शिक्षक मध्य विद्यालय अर्थात वर्ग छह से आठ के हैं. एक उर्दू के शिक्षक हैं. अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान जैसे विषयों के शिक्षक का पद खाली है. विद्यालय में सोशल साइंस, उर्दू, इतिहास, सिविक्स के शिक्षक हैं. शौचालय, बिजली, पानी, कमरा, किचन शेड जर्जर हो चुका है. 10 कमरा है, लेकिन चहारदीवारी नहीं है. अन्य उपस्कर, लाइब्रेरी का भी अभाव है. पांडेयपुरा विद्यालय सीआरसी है. जिसके कारण विद्यालय में आठवीं बोर्ड का परीक्षा केंद्र भी है. यहां प्रखंड के 19 विद्यालय का परीक्षा केंद्र है. जिसमें 16 मध्य विद्यालय के आठवीं बोर्ड के परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचते हैं.
क्या कहती हैं प्रधानाध्यापिका
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सावित्री देवी ने कहा कि उन्हें जो संसाधन प्राप्त है, उसी से बच्चों को शिक्षा दिया जाता है. विद्यालय में सभी महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षकों की मांग जिला कार्यालय से की गयी है. वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्राचार के माध्यम से सभी स्थितियों से अवगत करा दिया गया है.
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