सतबरवा. सदर प्रखंड क्षेत्र के लहलहे में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन काशी से पधारे श्री-श्री 108 परम पूज्य मारुति किंकर जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का रसपान कराया गया. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के कथा के प्रति श्रद्धा तथा समर्पण होने के कारण इंद्रदेव महाराज को भी मौसम में परिवर्तन लाना पड़ रहा है. किंकर जी महाराज ने कथा में महाभारत में भाइयों के बीच आपसी लड़ाई, विनाश तथा भगवान श्री कृष्ण के द्वारा मध्यस्थता पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि शत्रुता विनाश का लक्षण है, ऐसी प्रवृत्ति से हमें बचना चाहिए. प्रेम से ही समाज में आपसी सद्भाव लाया जा सकता है. इस दौरान उन्होंने भगवान शंकर के लीला का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से व्यथा दूर होती है तथा ईश्वर के प्रति श्रद्धा के साथ-साथ आत्मा को संतुष्टि मिलती है. कथा आयोजक विवेकानंद त्रिपाठी ने कथा के बाद बताया कि कथा के चौथे दिन महाराज जी के आदेशानुसार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थित होने का आग्रह किया गया है, ताकि भक्ति से विभोर हो सके.
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