मेदिनीनगर. पलामू केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने प्रभारी औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा के व्यवहार व रवैया पर सवाल खड़ा किया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत प्रसाद जायसवाल व सचिव धर्मेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि औषधि निरीक्षक के रवैया से पलामू के दवा व्यवसायियों में आक्रोश है. उन्होंने गुरुवार को होटल ज्योतिलोक में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रभारी औषधि निरीक्षक दवा व्यवसायियों के साथ राजतंत्र जैसा व्यवहार करते है. उनका व्यवहार व रवैया सरकारी पदाधिकारी के मापदंड के विपरीत है. जिस तरह राजतंत्र में पदाधिकारी काम करते थे. उसी प्रकार प्रभारी औषधि निरीक्षक दवा दुकानों में निरीक्षण करते हैं. उन्होंने कहा कि उनका मुख्यालय चतरा में है और वे पलामू-गढ़वा के प्रभार में हैं. इस कारण कार्यालय में उनके बैठने का समय निर्धारित नहीं है. ग्रामीण इलाकों से आनेवाले दवा व्यवसायी कार्यालय का चक्कर लगाकर परेशान हो जाते हैं. आरोप है कि वे मोबाइल पर कॉल भी रिसीव नहीं करते और न ही कॉल बैक करते हैं. इस कारण आवश्यक सूचना उन तक नहीं पहुंच पाती है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि दूसरे राज्यों के कई कारोबारी पलामू में अवैध तरीके से दवा का व्यवसाय कर रहे हैं. इसकी सूचना देने के लिए एसोसिएशन के द्वारा कई बार उनके मोबाइल पर कॉल किया गया. लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. प्रभारी औषधि निरीक्षक की निष्क्रियता व लापरवाही के कारण इस तरह के अवैध दवा कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है. इस वजह से स्थानीय दवा दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. साथ ही सरकार के राजस्व की क्षति हो रही है. मौके पर विनोद पाठक,उदय सिंह, अविनाश कुमार सहित कई दवा व्यवसायी मौजूद थे.
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