मेदिनीनगर.पलामू जिले के मनातू प्रखंड के सिंघटुटा न्यू प्राथमिक विद्यालय नियमित रूप से नहीं खोला जा रहा है. गुरुवार को सुबह 7.25 बजे विद्यालय के दरवाजा में ताला लटक रहा था. वहां न तो कोई शिक्षक मौजूद थे और न ही कोई विद्यार्थी. फिर 10.40 बजे विद्यालय का ताला खुला था. स्कूल के बरामदा पर टेबल कुर्सी लगी हुई थी. एक कुर्सी पर प्रधानाध्यापक सह सचिव नारायण सिंह बैठे थे. बगल में ही दूसरी कुर्सी पर सहायक अध्यापक ललन सिंह बैठे थे. वहीं बगल में बरामदा पर एक महिला भी बैठी हुई थी. पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम सोमरी देवी है. वह इस स्कूल की रसोइया है. लेकिन विद्यालय में एक भी विद्यार्थी नहीं थे, जबकि नामांकित बच्चों की संख्या 75 है. विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. विद्यालय में बिजली, पानी, शौचालय, भवन नहीं है. बच्चों को कुआं का पानी पीना पड़ता है. बहुत दिन पहले एक शौचालय बनाया गया था, जो टीन -करकट का था. वह जीर्ण-शीर्ण हो गया है और उपयोग लायक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय कभी -कभार खुलने के कारण बच्चे नियमित स्कूल नहीं जाते हैं. चुकी कई बार बच्चे स्कूल जाकर लौट जाते थे.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक नारायण सिंह ने बताया कि जंगली इलाका है. महुआ का सीजन है. इसलिए सभी बच्चे महुआ चुनने चले जाते हैं, तो इसमें उनका क्या दोष है. वे तो विद्यालय खोल कर बैठे हुए हैं. मध्याह्न भोजन के संबंध में पूछने पर बताया कि 30-35 बच्चे का मध्याह्न भोजन बनाया जायेगा. उनसे यह पूछा गया कि जब बच्चे ही नहीं हैं, तो आखिर भोजन किसके लिए बनेगा. इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली.
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