प्रतिनिधि, विश्रामपुर भ्रष्टाचार के मामले में अक्सर चर्चा में रहने वाली लालगढ़ पंचायत एक बार फिर विवादों में है. आरोप है कि पंचायत सचिव ने एक ही घर को दो बार जियो-टैग कर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मां और बेटे दोनों को लाभ दिलवाया है. मुखिया धर्मेंद्र चौधरी ने इस मामले में डीडीसी और बीडीओ राजीव सिंह को आवेदन देकर जांच की मांग की है.
गांव की मालती देवी, पति शिव मोची को वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजना के तहत एक लाख तीस हजार रुपये मिल चुके हैं, जबकि उनके बेटे जितेंद्र रवि को भी सचिव ने 40,000 रुपये की पहली किस्त दिलवायी है. आरोप है कि सचिव विमला कुमारी ने रिश्वत लेकर एक ही घर का दो बार जियो-टैग कराया और दोनों के खातों में किस्तें भेजी गयीं. मालती देवी के घर की केवल डोर लेवल तक ही दीवार बनी है, जबकि बेटे के घर पर एक ईंट भी नहीं लगी है.
मुखिया पर भी उगाही के आरोपइस मामले में मुखिया धर्मेंद्र चौधरी पर भी पहले उगाही के आरोप लग चुके हैं . उन पर पैसे लेकर अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और अबुआ आवास योजना का लाभ दिलवाने, जरूरतमंदों के नाम हटाकर संपन्न लोगों को योजना में शामिल करने के आरोप लगे थे। हालांकि जांच रिपोर्ट उनके प्रभाव के कारण ठंडे बस्ते में डाल दी गयी.
सचिव विमला कुमारी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुखिया के गलत कार्यों पर रोक लगाने के कारण उन पर साजिशन आरोप लगाये जा रहे हैं. उनका कहना है कि जितेंद्र रवि शादीशुदा है और अलग रहता है. इसीलिए उसे योजना में शामिल किया गया.
जांच के आदेशविश्रामपुर बीडीओ राजीव कुमार सिंह ने कहा कि लिखित शिकायत मिल चुकी है. आरोप गंभीर हैं, जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई निश्चित रूप से की जायेगी.
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