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मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में सत्र 2025-26 के एडमिशन पर लटक सकती है तलवार, NMC ने इन 9 बिंदुओं पर मांगा जवाब

Medinirai Medical College: पलामू में स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज पर एनएमसी की गाज गिरने वाली है. नेशनल मेडिकल काउंसिल ने कॉलेज प्रबंधन से 9 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर सत्र 2025-26 के एडमिशन पर रोक लग सकती है.

Medinirai Medical College| मेदिनीनगर, शिवेंद्र कुमार: नेशनल मेडिकल कमिशन ने सदर प्रखंड के पोखराहा स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में कुछ कमी को लेकर नौ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. यह कमी चिकित्सा शिक्षा रेगुलेशन 2023 के तहत वार्षिक उद्घोषणा रिपोर्ट के आधार पर पायी गयी है. इस संबंध में नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत यूजीएमइबी के डायरेक्टर सुखलाल मीणा ने एमएमसीएच के प्राचार्य को पत्र भेजा है. इसके माध्यम से मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पीएन महतो से नौ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. कॉलेज के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर एनएमसी 9 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगा सकता है.

नौ करोड़ का जुर्माना क्यों?

मालूम हो कि एनएमसी के नियम के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में निर्धारित शर्तों के अनुसार यदि कमी पायी जाती है, तो प्रत्येक कमियों के आधार पर एक करोड़ का जुर्माना एनएमसी लगा सकता है. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में नौ तरह की कमी पायी गयी है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज पर नौ करोड़ का जुर्माना लगा सकता है. इसके साथ ही अगर कॉलेज द्वारा इन नौ बिंदुओं की कमी को पूरा नहीं किया जाता है, तो एनएमसी सत्र 2025-26 के एडमिशन पर रोक भी लगाई जा सकती है. इससे पूर्व इस कॉलेज में 2020-21 में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं किये जाने के कारण एनएमसी ने एडमिशन पर रोक लगा दी थी.

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इन कमियों को करना होगा दूर

नेशनल मेडिकल काउंसिल के अनुसार विभिन्न विषयों में शिक्षकों की कमी है. रेजिडेंट डॉक्टर व ट्यूटर जितनी संख्या चाहिए में होने चाहिये थे, उतनी संख्या नहीं है. कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट व प्रध्यापक की संख्या जितनी होनी चाहिए थी, उससे 70 प्रतिशत कम है. मरीज के बेड की संख्या 500 होनी चाहिए थी. लेकिन मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या मात्र 353 है. बेड पर मरीजों के भर्ती होने का प्रतिशत मात्र 66.6 है. जबकि एनएमसी के अनुसार बेड पर भर्ती मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिये. एक मेडिकल कॉलेज में बच्चों की पढ़ाई के लिए 10 डेड बॉडी की जरूरत है. लेकिन इस कॉलेज में मात्र सात डेड बॉडी हैं. कॉलेज में छोटे व बड़े ऑपरेशन थियेटर का होना जरूरी है, जो इस कॉलेज में नहीं है. इसके अतिरिक्त क्लीनिकल पैथोलॉजी अपर्याप्त है. मेडिकल कॉलेज में हिस्टोपैथोलॉजी व साइटोपैथोलॉजी भी नहीं है.

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सरकार को लिखा गया पत्र- प्राचार्य

वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पीएन महतो ने बताया कि नौ बिंदुओं पर एनएमसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसे दूर करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है. उन्होंने बताया कि नये डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया की जा रही है. 500 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जिसकी दिसंबर 2025 से शुरु होने की संभावना है.

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