पड़वा. प्रखंड क्षेत्र कोकरसा में चल रहे रामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ के नौवें दिन मानस मर्मज्ञ राधा किशोरी ने कहा कि मानस मानव जीवन का आधार संहिता है. म से मर्यादा अ से आदर्श न से नम्रता स से सहनशीलता यदि ये बातें जीवन में आ जाये, तो लोक और परलोक दोनों बन जाता है. श्रीमती किशोरी ने कहा कि अहंकार व्यक्ति को समाप्त कर देता है. भगवान अपने भक्त का संरक्षण मां की तरह करते हैं. भरत चरित की चर्चा करते हुए कहा कि पहले जब तक मंथरा जैसी नारियों का प्रवेश हमारे घरों में बंद नहीं होगा तब तक राम जैसे बेटों का वनवास बंद होने वाला नहीं है. वृंदावन से पधारे संत श्री राधिका शरण जी ने कहा कि मानव का कल्याण सत्संग से ही संभव है. नारी शक्ति अगर संगठित हो कर शोषण अत्याचार का विरोध करे तो समाज में रामराज्य की स्थापना होने में विलंब नहीं होगा. मौके पर यज्ञ समिति के अमित कुमार पांडेय, राकेश पांडेय, संरक्षक राजीव तिवारी, राजेन्द्र पांडेय, योगेंद्र तिवारी, जयवंश पांडेय, शशि पांडेय, राम सरेख तिवारी सहित दर्जनों उपस्थित थे.
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