सड़क किनारे घरों पर जमने लगे है धूल की परत, स्वास्थ्य पर होने लगा है विपरीत असर फोटो:17डालपीएच 09 प्रतिनिधि: नौडीहा बाजार प्रखंड क्षेत्र के डुमरी कैंप से झरहा-बलरा हाेते हुए खरडीहा-सरइडीह मार्ग इन दिनों काफी जर्जर हो गयी है. भारी वाहनों के आवागमन होने के कारण इस सड़क की यह स्थिति बनी है. प्रखंड के दर्जनों गांव के लोग इसी रास्ते से गुजरते हैं. सड़क की जर्जर स्थिति के कारण खैरादोहर, सरइडीह, जमुआ, खरडीहा व तरीडीह पंचायत के रसीदा, लकडाही, बलरा, झरहा, डुमरी गांव के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई पत्थर माइंस संचालित है. माइंस से पत्थर लाने के लिए दर्जनों हाइवा का परिचालन प्रतिदिन होता है. ओवर लोड हाइवा के परिचालन की वजह से ही सड़क की यह स्थिति बनी है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का निर्माण में गुणवता का ख्याल नहीं रखा गया था. संवेदक ने मनमाने तरीके से सड़क का घटिया निर्माण किया. सड़क की जो स्थिति है, उसपर भारी वाहन चलने के योग्य नहीं है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. आये दिन दुर्घटना होते रहती है. बरसात के दिनों में इस सड़क से गुजरना जोखिम भरा रहता है. 17 करोड़ की लागत से बनी थी यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना मद से करीब 17 करोड़ की लागत से इस सड़क का निर्माण हुआ है. वर्ष 2019 में नौ किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी. मई 2020 में सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ. बताया जाता है कि निर्माण कार्य पूरा होने के चार माह बाद से ही सड़क टूटने लगी थी. यह सोचा जा सकता है कि संवेदक ने सड़क का निर्माण किस तरह कराया. हाइवा जैसे भारी वाहन का परिचालन नियमित होने के कारण यह सड़क जर्जर स्थिति में पहुंच गयी है. सड़क निर्माण हुये पांच वर्ष बित गये, लेकिन इसकी मरम्मत कराने के प्रति शासन प्रशासन गंभीर नहीं है. जनप्रतिनिधियों का ध्यान भी इस सड़क की ओर नही है. गर्मी शुरू होते ही सड़क पर धूल उड़ने लगा है. परेशान लोगों ने जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन से मांग किया है कि सड़क का निर्माण कराया जाये और हाइवा जैसे भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगायी जाये.
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