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सुविधाओं से जूझ रहा है 1400 आबादी वाला पाल्हे कला गांव

सुविधाओं से जूझ रहा है 1400 आबादी वाला पाल्हे कला गांव

रामनरेश तिवारी, पाटन प्रखंड क्षेत्र के पाल्हेकला गांव के स्वास्थ्य उप केंद्र परिसर में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उपस्थित लोगों ने पाल्हेकला पंचायत क्षेत्र के विभिन्न समस्याओं को रखा . लोगों ने बताया कि इस पंचायत की सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सुविधा को लेकर है. पाल्हेकला पंचायत भवन के समीप ही स्वास्थ्य उपकेंद्र का पुराना जर्जर भवन है. यह स्वास्थ्य केंद्र 1954 से स्थापित है. भवन काफी जर्जर स्थिति में है. जबकि वहां भवन बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 50 डिसिमल भूमि उपलब्ध है. बावजूद इसके भवन का निर्माण नहीं कराया गया है. स्वास्थ्य केंद्र जर्जर होने के साथ-साथ यहां के स्थापित चिकित्सकों को उताकि पंचायत के मझौली गांव में स्थित नवनिर्मित भवन में बैठते हैं. लेकिन विडंबना यह है कि मंझौली का स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत ही नहीं है. नतीजतन पाल्हेकला के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पांच किलोमीटर की दूरी तय कर मंझौली जाना पड़ता है. विशेष परिस्थिति में इलाज के लिए उन्हें मेदिनीनगर भी जाना होता है. इस कारण कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति आक्रोश जताया. लोगों ने यह भी बताया गया इस गांव को जोड़ने वाले दो पुल है, जो जर्जर स्थिति में है. लोगों को जान हथेली पर लेकर आवागमन करना पड़ता हैं. लोगों ने यह भी बताया कि सिंचाई की सुविधा नहीं है इस कारण किसानों को खेती करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. यह गांव दुर्गावती नदी के तट पर बसा हुआ है बावजूद इसके, इस गांव में सिंचाई की सुविधा नहीं है. लोगों ने बताया कि नदी के पानी को लिफ्ट कर खेतों तक पहुंचाया जाता तो गांव में खुशहाली होती और किसान आत्मनिर्भर होते. लोगों ने बताया कि गांव में डाक सुविधा है लेकिन केंद्र के खुलने और बंद होने का कोई समय निश्चित नहीं है. जिसके कारण उसका लाभ लोगों को नहीं मिलता है. करीब 1400 आबादी वाले गांव में सिर्फ एक मध्य विद्यालय है. उच्च विद्यालय नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नौडीहा अथवा पाटन जाकर पढ़ाई करनी होती है. लोगों ने बताया कि पाल्हे पंचायत में बसदह, कुंदरी, सिड़हा, मायापुर, खुर्दमायापुर कला, कोइरी टोला, बंगला, दुबारा, बनरचुंआ व नावाटोला आदि गांव है जो कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता शारदा प्रसाद सिंह ने की . मौके पर अंतू साव ,अक्षय कुमार सिंह ,बशीर मियां, विश्वनाथ सिंह ,शेषनाथ गुप्ता, दिनेश कुमार सिंह ,विवेक कुमार सिंह सहित कई लोग मौजूद थे. इलाज के लिए दर-दर का ठोकर खाना पड़ता है फोटो: 02डालपीएच 04 पाल्हेकला के श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि स्वास्थ्य विभाग की अपनी भूमि है बावजूद इसके भवन का निर्माण नहीं किया जा रहा है. इलाज के लिए लोगों को दर-दर की ठोकरे खाना पड़ रहा है. समुचित इलाज नहीं मिलने के कारण कई लोग काल के गाल में समा गये हैं प्राथमिक इलाज के लिए भी भटकना पड़ता है :अवध सिंह फोटो: 02डालपीएच 03 अवध सिंह ने कहा कि इस गांव में सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सुविधा को लेकर है. इस सुविधा का लाभ मिल जाता तो लोगों को चिकित्सा के लिए परेशानी नहीं होती. प्राथमिक उपचार के लिए भी लोगों को बाहर जाना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग को इस पर पहल करना चाहिए. चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा :प्रवीण कुमार सिंह फोटो: 02डालपीएच 09 प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के भूमि पर यदि भवन का निर्माण नहीं किया गया और चिकित्सक की पदस्थापना नहीं की गयी तो चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा जान जोखिम में डालकर करते हैं यात्रा:देवेंद्र कुमार सिंह फोटो: 02डालपीएच08 देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आवागमन के लिए सड़क तो है, लेकिन पुल की स्थिति बदहाल है. बदहाल स्थिति होने के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं सिंचाई सुविधा का है अभाव :पुरुषोत्तम साव फोटो : 02डालपीएच 05 पुरुषोत्तम साव ने कहा कि गांव दुर्गावती नदी के तट पर बसा है बावजूद इसके इस गांव में सिंचाई की सुविधा का अभाव है. यदि नदी के पानी को लिफ्ट कर इस गांव तक लाया जाता तो इस गांव में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा होती और लोगों के खेतों तक पानी पहुंच जाता तो सालोभर खेती हो सकती थी और किसान आत्मनिर्भर हो सकते थे . पुल बिल्कुल ही जर्जर हो चुकी है:संजय सिंह फोटो: 02डालपीएच 07 संजय सिंह ने कहा कि दुर्गावती नदी पर गम्हेथा और पाल्हे को जोड़ने वाला पुल बिल्कुल ही जर्जर हो चुकी है. पिलर ध्वस्त होने के कगार पर है ,कई हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर गिर चुका है. शिक्षा और चिकित्सा दोनों हैं बदहाल :शिव कुमार सिंह फोटो: 02डालपीएच 06 शिव कुमार सिंह ने कहा कि गांव के विकास के लिए शिक्षा और चिकित्सा दोनों में बदहाल है . गांव में एक मध्य विद्यालय है जिसमें 400 बच्चे हैं .इसके लिए अतिरिक्त कमरे जरूरी है जबकि स्वास्थ्य का भवन भी काफी खराब स्थिति में है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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