राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में बुधवार को परिसदन के सभागार में झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता बोर्ड के सदस्य मोहम्मद फैजी ने की. बैठक में जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों से काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए. बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड से निबंधित संपतियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया है. पिछले छह माह से इसकी प्रक्रिया चल रही है. लेकिन झारखंड राज्य में इसकी गति धीमी है. इस वजह से अधिकांश निबंधित संपतियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों को निर्देश दिया कि जिले में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करें. बोर्ड के सदस्य मोहम्मद फैजी ने बताया कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड से निबंधित संपतियों का ब्योरा पांच दिसंंबर तक उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. इस मामले को लेकर बैठक में विस्तार से चर्चा की गयी. लोगों को सुझाव दिया गया कि जिले में वैसे मदरसा, मस्जिद, दरगाह, कर्बला, कब्रिस्तान जो वक्फ बोर्ड से निबंधित है, उसका दस्तावेज स्वयं उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करें.निर्धारित तिथि तक संपति का ब्योरा अपलोड नहीं करने पर परेशानी बढ़ेगी. बाद में इस कार्य के लिए ट्रिव्यूनल कोर्ट में अपील करना पड़ेगा और निर्धारित तिथि तक दस्तावेज अपलोड नहीं करने का वजह बताना होगा. कोर्ट के निर्णय के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी. उन्होंने बताया कि मस्जिद, मदरसा, दरगाह, कर्बला या कब्रिस्तान के केयर टेकर व प्रबंधन के सचिव इन दोनों प्रक्रिया से नहीं गुजरते हैं, तो उनके खिलाफ वक्फ अधिनियम के तहत सजा व जुर्माना की कार्रवाई का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि वैसी संपत्ति जो वक्फ बोर्ड से निबंधित नहीं है, उसके निबंधन के लिए पांच दिसंबर के बाद प्रक्रिया शुरू होगी.
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