मेदिनीनगर. पलामू जिले के 251 अनुसेवकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इससे आक्रोशित अनुसेवकों ने चरणबद्ध आंंदोलन शुरू किया है. इधर सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है. इसके तहत आवेदन जमा किया जा रहा है. सोमवार को कचहरी परिसर में बर्खास्त अनुसेवक संघ की बैठक हुई. इसमें आंदोलन की रणनीति व सरकार के नीति पर चर्चा की गयी. बैठक में शामिल अनुसेवकों ने कहा कि राज्य सरकार अपनी गलती छिपाने के लिए पलामू में कार्यरत अनुसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस मामले में जिला प्रशासन भी उदासीन रही. पलामू डीसी ने सुप्रीम कोर्ट में सही तरीके से अपना पक्ष नही रखा. आखिर उनलोगों का क्या दोष है. विज्ञापन जारी करना और नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करना सरकार व प्रशासन का काम है. इसमें अभ्यर्थियों की क्या गलती है, जिसकी सजा कई वर्षों तक नौकरी करने के बाद मिल रही है. बैठक में शामिल अनुसेवकों ने राज्य सरकार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा किया. कहा कि राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्णकिशोर ने मुख्यमंत्री से मिलकर पलामू में चल रहे नियुक्ति की प्रक्रिया पर चर्चा की. घोषणा किया गया कि नियुक्ति की प्रक्रिया स्थगित कर दी गयी है. जबकि सरकार ने इस मामले में जिला प्रशासन को कोई लिखित आदेश नहीं दिया है. इस तरह सरकार दोहरी नीति चल रही है, जो बर्दाश्त से बाहर है. बैठक में शामिल अनुसेवकों ने मुख्यमंत्री व वित मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. बैठक में अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया.तय किया गया कि विरोध प्रदर्शन किया जायेगा और सरकार का घेराव किया जायेगा. इधर छतरपुर विस क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी नरेश भारती ने बर्खास्त अनुसेवकों के आंदोलन का समर्थन किया है. मौके पर विवेका शुक्ला, विकास तिवारी, विनय ठाकुर, विनोद राम, धर्मेद्र सिंह, सरिता देवी, गीता देवी, शोभा देवी, सरस्वती देवी, चनेश्वर राम, दीपक पांडेय, विकास शुक्ला, राकेश गुप्ता, मुकेश ठाकुर, हृदयानंद, सुधाकर दुबे, सत्यनारायण शुक्ला सहित कई लोग शामिल थे.
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