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लाइसेंस नवीनीकरण से पहले किया जा रहा भवनों का भौतिक सत्यापन

शहरी क्षेत्र में संचालित होटल रेस्टोरेंट, मैरेज हॉल, लॉज, छात्रावास, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला के रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गयी है.

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मेदिनीनगर. शहरी क्षेत्र में संचालित होटल रेस्टोरेंट, मैरेज हॉल, लॉज, छात्रावास, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला के रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में इसके संचालन के लिए नगर निकाय से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में करीब छह दर्जन विवाह भवन, होटल रेस्टोरेंट, धर्मशाला, हॉस्टल, लॉज, बैंक्वेट हॉल संचालित है. झारखंड नगरपालिका अधिनियम के मुताबिक नगर निकाय से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद इन सभी का संचालन करना उचित है. नगर निगम के नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि अधिनियम के अनुसार एक साल के लिए लाइसेंस निर्गत किया जाता है. लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद पुनः लाइसेंस का नवीनीकरण कराना आवश्यक है. बगैर लाइसेंस के इन सभी का संचालन करना गैर कानूनी है. नगरपालिका अधिनियम के नियम-तीन के तहत लाइसेंस निर्गत करने या नवीनीकरण से पूर्व इन सभी के संचालन के मानकों की जांच आवश्यक है. नगर आयुक्त ने बताया कि निगम प्रशासन ने इन सभी भवनों के भौतिक सत्यापन का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए दो टीम गठित की गयी. एक टीम में नगर प्रबंधक समिता भगत, टैक्स दारोगा प्रदीप मेहता, राजस्व निरीक्षक वाल्मीकि चौबे को शामिल किया गया. इसी तरह दूसरी टीम में निगम के तहसीलदार पवन कुमार मेहता, राजस्व निरीक्षक सोनल कुमारी, विकास कुमार कुशवाहा को शामिल किया गया. नगर आयुक्त के निर्देश के आलोक में गठित टीम ने झारखंड नगरपालिका अधिनियम के प्रावधान के अनुसार इन सभी भवनों की भौतिक स्थिति, उपलब्ध सुविधा और सुरक्षा की व्यवस्था की जांच कर रही है. इस दौरान भवन में उपलब्ध पर्याप्त जगह, पार्किंग, शौचालय, प्रवेश व निकास द्वार, प्रकाश व बिजली, भोजन बनाने की जगह, जलापूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था जैसे मानकों का निरीक्षण किया जा रहा है. अधिनियम के तहत मानकों का पालन करने वाले भवनों का संचालन करने के लिए लाइसेंस निर्गत या नवीनीकरण किया जायेगा. नगर आयुक्त ने टीम को एक सप्ताह के भीतर इन सभी भवनों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगा है. रिपोर्ट का आकलन करने के बाद ही नगर निगम प्रशासन लाइसेंस निर्गत या नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू करेगी. अधिनियम के प्रावधान के अनुसार लाइसेंस निर्गत करने या नवीनीकरण के लिए वार्षिक शुल्क निर्धारित है. पांच हजार वर्गफिट में निर्मित धर्मशाला का वार्षिक शुल्क एक हजार व उससे अधिक क्षेत्र में निर्मित होने पर 1500 रुपये निर्धारित है. इसी तरह पांच हजार वर्गफिट में निर्मित विवाह भवन, बैंक्वेट हॉल का वार्षिक शुल्क 10 हजार एवं उससे अधिक क्षेत्र में निर्मित होने की स्थिति में 15 हजार रुपये जमा करना होगा. इसी तरह लॉज और हॉस्टल का वार्षिक शुल्क बेड के मुताबिक निर्धारित किया गया है. लॉज (10 बेड तक) एक हजार, 20 बेड तक 1500 रुपये, 50 बेड तक दो हजार और उससे अधिक बेड के लिए 2500 रुपये शुल्क लगेगा. इसी प्रकार हॉस्टल (10 बेड) 800 रुपये, 20 बेड तक एक हजार, 50 बेड तक 1500 एवं उससे अधिक बेड वाले छात्रावास के लाइसेंस के लिए दो हजार वार्षिक शुल्क निर्धारित किया गया है. राशि जमा करने के बाद ही निगम प्रशासन लाइसेंस निर्गत या नवीनीकरण करेगा.

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