फोटो 22 डालपीएच- 8 सतबरवा. लोक आस्था का महापर्व छठ जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. छठ व्रती पूजन सामग्री की खरीदारी में जुट गये हैं . सतबरवा के बुधवारीय हाट/बाजार में सूप दउरा तथा पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार में आयी महिलाओं ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सूप दउरा की कीमत में इजाफा हुआ है, मगर पूजा करनी है, तो कीमत मायने नहीं रखती, खरीदारी करनी ही पड़ेगी. छठ महापर्व में बांस के बने सूप दउरा, टोकरी, पंखा तथा झाड़ू का अलग ही महत्व है. इसे ही शुद्ध और पवित्र माना जाता है. जिससे भगवान भास्कर को उगते तथा डूबते समय अर्घ्य दान दिया जाता है. सतबरवा बाजार में इस वर्ष सूप 400 रुपये, जोड़ा, दउरा 200-250 रुपये पीस, बांस का पंखा 50 से 70 रुपये, झाड़ू 50 से 75 रुपये तक बिक्री हो रही है. सेहरा गांव के सूप दउरा के व्यापारी बीरबल साव ने बताया कि जिस तरह छठव्रती पूजा की तैयारी काफी दोनों से करते हैं इस प्रकार हम सब व्यापारी कई महीनो से सूप दउरा बनाने वाले कारीगर के संपर्क में रहते हैं तब जाकर छठव्रतियों के बाजार में उपलब्ध हो पाता है. उन्होंने बताया कि करोना काल के पूर्व लातेहार तथा पलामू जिले में बांस से बने सूप, दउरा, टोकरी को झारखंड राज्य के कई शहरों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली तथा राजस्थान तक रेल तथा सड़क मार्ग से छठव्रतियों के बीच व्यापारियों के माध्यम से पहुंचाया जाता था. मगर असुविधा होने के कारण अब बंद हो चुका है.
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