पांडू . पांडू में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा है. पांच हजार की आबादी वाले पांडू के लोग दो चापानल से अपनी प्यास को बुझा रहे हैं. सुबह होते ही चापानल पर लोगों की भीड़ लग जाती है. पानी भरने के लिए भटकना पड़ता है. पांडू का क्षेत्र ड्राइ जोन घोषित किया गया है. इसके बाद भी पानी की समस्या को दूर नहीं की गयी. जनवरी माह में ही लाइफ लाइन कही जाने वाली बांकी नदी सूख गयी. जिससे लोगों को और परेशानी बढ़ गयी है. नदी में पानी सूखने के बाद जलस्तर नीचे चल गया है. इसके कारण गांव के अधिकांश चापानल बंद पड़े हैं. दो चापानल चालू हैं, जिसके भरोसे लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं, पिछले 40 वर्षों से पानी की समस्या से निजात को लेकर पेयजलापूर्ति योजना का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन आज तक यह योजना सफल नहीं हो सकी. पुनः इस योजना की शुरुआत 2010 में की गयी, लेकिन आज भी यह योजना अधर में लटकी है. पांडू वासियों की पानी की समस्या आज भी गंभीर बनी हुई है, कब होगी पेयजलापूर्ति योजना की शुरुआत, जिससे लोगों को घर-घर पानी नसीब होगा, इसके इंतजार में हैं पांडू की पांच हजार की आबादी. पानी की समस्या को लेकर किसी जनप्रतिनिधि या समाजसेवी के द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. लोगों का कहना है कि जलापूर्ति योजना खुद प्यासी है. प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. इलाके की जनता पेयजल को लेकर भगवान भरोसे है.
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