Advertisement
अशु प्रेस के संचालक इशुमान को जेल
मेदिनीनगर : सरकारी खाते स्वीकृत राशि से अधिक निकासी के मामले में सोमवार को हिरासत में लिये गये अशु प्रेस के संचालक इशुमान उर्फ मानु को मंगलवार को पुलिस ने जेल भेज दिया. पूछताछ के दौरान उसने कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है. पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के साथ वह वर्ष 2008 […]
मेदिनीनगर : सरकारी खाते स्वीकृत राशि से अधिक निकासी के मामले में सोमवार को हिरासत में लिये गये अशु प्रेस के संचालक इशुमान उर्फ मानु को मंगलवार को पुलिस ने जेल भेज दिया. पूछताछ के दौरान उसने कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है. पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के साथ वह वर्ष 2008 में जुड़ा था. उसे यह पता होता था कि उसे स्वीकृत राशि से अधिक पैसे का चेक मिला है. इसके बाद भी वह चेक लेता था और किसी से कोई शिकायत नहीं करता था. क्योंकि तत्कालीन जिला नाजिर शैलेश कुमार द्वारा इशुमान से यह कहा जाता था कि वह जो कुछ भी कर रहा है, उसकी जानकारी विभागीय पदाधिकारियों को भी है.
पदाधिकारियों के सहमति से ही यह सारा कुछ हो रहा है. पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने कहा कि इशुमान ने पुलिस के समक्ष जो बयान दिया है. उसकी सत्यता की जांच होगी. क्योंकि इशुमान ने यह कहा है कि पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार ने ही उसे अंधेरे में रखा था और यह बताया था कि वह जो कुछ कर रहा है, वह सब उनलोगों को पता है, जिन्हें यह बात जाननी चाहिए. इसलिए चाहकर भी इशुमान ने कभी शिकायत नहीं की.
मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस में पुलिस उपाधीक्षक श्री बरवार ने कहा कि अशु प्रेस के संचालक इशुमान ने यह स्वीकार किया है कि उसने अधिक पैसे लिए हैं. आपूर्ति किये गये समान से जो पैसे अधिक मिलते थे, उसे लेने के लिए पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार शिवाजी मैदान के पास स्थित उसके घर में आता था. कई बार डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भी इशुमान ने शैलेश द्वारा बताये गये व्यक्तियों के नाम भुगतान किया है. कई बार अशु प्रेस के लोगों ने आरोपी पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के घर जाकर भी पैसा पहुंचाया है.
चूंकि शैलेश काफी शातिर है. इसलिए उसने खुद को इस रूप में प्रोजेक्ट किया कि वह जो कुछ कर रहा है, वह सही है. इसमें कभी फंसने वाला ही नहीं है. क्योंकि काम काफी इत्मीनान के साथ हो रहा है. लेकिन जांच के बाद इशुमान तक जब कार्रवाई की आंच पहुंची, तो वह पुलिस के सामने सारे राज उगल दिये. डीएसपी श्री बरवार की माने तो इशुमान ने जो बयान दिया है, उसके आधार पर अब पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. इशुमान के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले, जिसके आधार पर उसे जेल भेज दिया गया. अन्य आपूर्तिकर्ताओं के मामले में भी जांच चल रही है. जिनके द्वारा सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक पैसे की निकासी करने में पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार की मदद की है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होगा. मौके पर शहर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय मौजूद थे.
आयकर विभाग की मदद लेगी पुलिस : पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार द्वारा फर्जीवाड़ा कर सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक पैसे के निकासी करने के मामले में रोज नये तथ्य उभर कर सामने आ रहे हैं. पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि अब पुलिस इस मामले में आयकर विभाग की मदद लेगी. क्योंकि अब तक के अनुसंधान में जो तथ्य उभरकर सामने आया है उसके मुताबिक कई खातों में ट्रांजेक्शन हुआ है. छह माह के दौरान अशु प्रेस के संचालक इशुमान के खाते में ही 50 लाख से अधिक की राशि गयी है.
यह देखा जायेगा कि इनकम टैक्स को इन ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी दी गयी है या नहीं. बताया गया कि जनवरी से जून 2016 तक 29 चेकों मे हेराफेरी कर जिला नाजिर द्वारा स्वीकृत राशि से 98 लाख अधिक निकालने का जो मामला सामने आया था, उसमें जिन आपूर्तिकर्ताओं को सबसे अधिक राशि का भुगतान हुआ था. उसमें अशु प्रेस ही था. अशु प्रेस के संचालक से 50 लाख की वसूली का नोटिस जारी किया गया था.
शैलेश के पास है बेनामी संपत्ति !: पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार ने काफी संपती आर्जित की है. पुलिस अब उसके द्वारा अर्जित की गयी बेनामी संपत्ति का पता लगायेगी. डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह बता चला है कि शैलेश कुमार ने धोखाधड़ी से जो पैसे अर्जित किये हैं, उससे कई जगहों पर संपती खरीदी है.
पूछताछ के दौरान इससे जुड़े तथ्य मिले है. इस मामले में जांच जारी है. यद्यपि पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया है कि शैलेश ने कहां -कहां और किस स्थान पर संपत्ति अर्जित की है. लेकिन इतना जरूर कहा है कि झारखंड के अलावा बिहार में भी संपत्ति बनाने की बात सामने आयी है, जिसके आधार पर मामले की जांच चल रही है. जल्द ही इसकी जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया जायेगा, ताकि बेनामी संपत्ति का खुलासा हो सके. चर्चा है कि मेदिनीनगर कई जगहों पर शैलेश ने जमीन खरीदी गयी है. हाल में ही उसने डेयरी फार्म भी खोला है.
जानकार बताते है कि डेयरी फार्म खोलने के पीछे मंशा यही रही होगी. डेयरी फार्म का आय का मुख्य स्रोत बताया जायेगा, ताकि धोखाधड़ी से अर्जित संपत्ति को वह सही ठहरा सके. रांची में फ्लैट के साथ-साथ बिहार के गया में मैरिज हॉल व अन्य संपत्ति की भी बात कही जा रही है. इस जानकारी के आधार पर पुलिस तथ्य जुटाने में लगी है. डीएसपी श्री बरवार ने कहा कि संपत्ति की जांच होगी. वैसे इशुमान ने संपत्ति से जुड़ी कई जानकारी दी है, जिसके आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement