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दुर्गंध से विद्यालय में पढ़ना हुआ मुश्किल

कचरे से वातावरण प्रदूषित हो रहा है और विद्यालय में रहना मुश्किल हो गया है. मेदिनीनगर : गिरिवर उच्च विद्यालय के तीन विद्यार्थी मंगलवार को दोपहर में ही छूटी लेकर घर वापस चले गये. चैनपुर के अविनाश कुमार मिश्रा, पतरिया के नितीश प्रसाद व जयप्रकाश प्रसाद की तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी. इसलिए तीनों विद्यार्थियों […]

कचरे से वातावरण प्रदूषित हो रहा है और विद्यालय में रहना मुश्किल हो गया है.
मेदिनीनगर : गिरिवर उच्च विद्यालय के तीन विद्यार्थी मंगलवार को दोपहर में ही छूटी लेकर घर वापस चले गये. चैनपुर के अविनाश कुमार मिश्रा, पतरिया के नितीश प्रसाद व जयप्रकाश प्रसाद की तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी. इसलिए तीनों विद्यार्थियों को छुट्टी दे दी गयी. विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य चंद्रबली चौबे की मानें तो यह आज की बात नहीं है, आये दिन ऐसा हो रहा है.
बच्चे स्कूल आ रहे हैं, लेकिन बीच में ही बीमार होने के कारण वापस चले जा रहे हैं. इसका कारण विद्यालय के आसपास फेंकी जाने वाली गंदगी है. क्योंकि पहले नगर पर्षद द्वारा कोयल नदी किनारे कचरा को डंप किया जा रहा था, जो उनके विद्यालय के सामने था. जब विरोध हुआ तो कचरा पलामू क्लब के पीछे मुख्य सड़क के किनारे डंप किया जा रहा है, जो विद्यालय के ठीक पीछे है. इस कचरे से वातावरण प्रदूषित हो रहा है और विद्यालय में रहना मुश्किल हो गया है.
फैक्टशीट
मेदिनीनगर नगर पर्षद में प्रतिदिन 30-35 टन कचरा निकलता है. लेकिन कचरा फेंकने के लिए कोई जगह नहीं है. इस कारण सड़कों के किनारे ही नगर पर्षद द्वारा कचरा डंप किया जाता है.
शहर में 100 से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां कचरा फेंका जाता है. पलामू क्लब केपीछे व गिरिवर स्कूल के निकट डंपिंग यार्ड बनाया गया है, जहां शहर से विभिन्न जगहों से कचरे का उठाव कर, वहां डंप किया जाता है. कचरा ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के लिए 2008 से ही राशि पड़ी हुई है, लेकिन नगर पर्षद इसके लिए अभी तक जमीन की व्यवस्था नहीं कर पायी है.
प्राचार्य कर बार दे चुके हैं आवेदन
प्राचार्य अप्रैल माह से ही गंदगी हटाने के लिए प्रयासरत हैं. लेकिन अभी तक इसे हटाने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. प्राचार्य की मानें तो वह नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी के नाम लिखित आवेदन अप्रैल व जुलाई माह में दे चुके हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 12 अगस्त को इस मामले को लेकर वह नगर पर्षद की अध्यक्ष से भी मिले थे, अध्यक्ष पूनम सिंह ने आश्वासन दिया था कि 15 अगस्त के बाद गंदगी हटाने की दिशा में कार्रवाई की जायेगी. प्राचार्य का कहना है कि अब वह एक सितंबर को पलामू उपायुक्त से भी इसकी शिकायत करेंगे.
बीमार होते हैं लोग
पलामू के सदर अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 1200-1400 के बीच मरीज आते हैं, इन मरीजों में से 30 प्रतिशत मरीज शहरी क्षेत्र के होते हैं. यद्यपि शहरी क्षेत्र के अन्य बीमार लोग निजी क्लीनिकों में भी जाते हैं. चिकित्सकों की मानें तो शहरी क्षेत्र के जो मरीज आते हैं, उनमें अधिकांश मरीज गंदगीजनित बीमारी से पीड़ित हैं. गंदगी से मलेरिया, डायरिया, टायफर्ड जैसी बीमारी होती है.
क्या कहते हैं चिकित्सक
डॉ आरके रंजन का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए साफ-सफाई जरूरी है, जितनी स्वच्छता रहेगी, उतनी ही बीमारी कम रहेगी. इसलिए यह जरूरी है कि लोग स्वच्छता के साथ रहें और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें.

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