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छतरपुर में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच झड़प, 8 लोग हुए घायल

Jharkhand crime news : पलामू जिला अंतर्गत छतरपुर के चौखडा गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई झगड़े में दोनों ओर से धारदार टांगी से हुए हमले में वृद्ध महिला सहित 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये.

Jharkhand crime news : छतरपुर (पलामू) : पलामू जिला अंतर्गत छतरपुर के चौखडा गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई झगड़े में दोनों ओर से धारदार टांगी से हुए हमले में वृद्ध महिला सहित 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये.

घायल राजदेव यादव ने बताया कि गांव में खेती करने वाली एक बिगहा जमीन खरीद कर विगत 25 वर्षों से दाखिल खारिज करा कर उसका लगान सरकार को देता आ रहा था व उस जमीन पर खेती भी करता आ रहा था, पर गांव के ही रामजतन यादव उस जमीन पर दावा करने लगे व टांगी लेकर हमला कर दिये, जिससे मेरे अलावा मेरी बुढ़ी मां सुमित्रा देवी और रवींद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गये.

वहीं, दूसरी पक्ष के रामजतन यादव, चनरधन यादव, चंद्रदेव यादव, सत्येंद्र यादव और नागेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गये. सभी घायलों का अनुमंडलीय अस्पताल, छतरपुर में प्राथमिकी उपचार के बाद पीएमसीएच मेदिनीनगर रेफर कर दिया गया.

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थाना प्रभारी उपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि भूमि विवाद में एक पक्ष द्वारा हमला कर दिया गया, जिससे सभी घायल हो गये हैं. सभी का इलाज चल रहा है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

करेंट से पति की हुई मौत, पत्नी ने की मुकदमा

छतरपुर थाना क्षेत्र आकाबासा गांव के मो जाकिर हुसैन की बिजली की तार की चपेट में आने से हुई मौत के मामले में पत्नी सबीना बानो ने बिजली विभाग के वर्तमान कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता व ईस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज करायी है.

प्राथमिकी में कहा गया है कि सोमवार (29 जून, 2020) को गांव में बिजली का खंभा टूटकर तार सहित जमीन पर गिर पड़ा था. इसकी सूचना विभाग को दी गयी थी, पर इस पर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं, पिछले तीन दिनों से गांव में बिजली नहीं थी. इधर, घर के छप्पर बनाने के लिए लकड़ी लाने जाकिर गांव में गया था. लौटने के क्रम में तार की चपेट में आ गया, जिसे देख उसकी मां बसीरा बीबी बचाने गयी, तो वो भी चपेट में आकर बेहोश हो गयी, जिसे देख गांव वालों ने बिजली कार्यालय में सूचना देकर लाइन कटवायी.

घायलावस्था में जाकिर को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां डॉ राजेश अग्रवाल ने उसे मृत घोषित कर दिया. जाकिर की पत्नी सबीना का आरोप है कि उक्त पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण मेरे पति की मौत हुई है. उन्होंने कानूनी करवाई करते हुए परिवार के एक सदस्य को नौकरी और मुआवजा देने की मांग की है.

जाकिर के पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी. उसके बाद से वह मुंबई में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था. लॉकडाउन होने से वह बेरोजगार हो गया था, तो वह अपने गांव लौट आया. इधर, पुलिस ने शव को कब्जे में कर मंगलवार (30 जून, 2020) को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच मेदिनीनगर भेज दिया है.

Posted By : Samir ranjan.

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