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ओके…चुनाव ड्यूटी पर लगे होमगार्ड के जवानों का दर्द

अोके…चुनाव ड्यूटी पर लगे होमगार्ड के जवानों का दर्द हेडलाइन…न सूखा राशन मिला, न अग्रिम राशि अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर.पंचायत चुनाव में होमगार्ड के जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. दूसरे चरण में पड़वा, नौडीहा बाजार, छतरपुर, नावाबाजार व पाटन में चुनाव होना है. शनिवार को इन इलाकों में मतदान होगा. चुनाव कार्य में […]

अोके…चुनाव ड्यूटी पर लगे होमगार्ड के जवानों का दर्द हेडलाइन…न सूखा राशन मिला, न अग्रिम राशि अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर.पंचायत चुनाव में होमगार्ड के जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. दूसरे चरण में पड़वा, नौडीहा बाजार, छतरपुर, नावाबाजार व पाटन में चुनाव होना है. शनिवार को इन इलाकों में मतदान होगा. चुनाव कार्य में जिन कर्मियों को लगाया गया है, वह शुक्रवार को ही कलस्टर पर पहुंच गये हैं. इसी दौरान पड़वा के लोहड़ा मध्य विद्यालय में बने कलस्टर में होमगार्ड के जवान कलस्टर में रुके थे. बातचीत में वे लोग अपना दर्द बताने लगे. कहने लगे कि चुड्व ड्यूटी पर लगाया गया है, पर उन लोगों को सुविधा नहीं मिली है. चुनाव में लगने वाले मतदानकर्मी व पुलिसकर्मियों को सूखा राशन व अग्रिम भुगतान हो जाता है, पर इससे होमगार्ड के जवान वंचित रह जाते हैं. इस बार पंचायत चुनाव में भी वही हुआ है. उनलोगों को ड्यूटी पर तो लगा दिया गया है, पर न तो सूखा राशन मिला है और न ही अग्रिम भुगतान ही मिला है. इस तरह का नियम आखिर क्यों? जबकि वे लोग भी ड्यूटी कर रहे हैं ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान बसंत तिवारी, सच्चिदानंद तिवारी, निरंजन वर्मा, राकेश पासवान, सत्यनारायण वर्मा, बीरबल पासवान आदि का कहना है कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है. भले ही उनलोगों को भूखे रात गुजारना पड़े, लेकिन जो डयूटी मिली है, उसे वह पूरी निष्ठा के साथ करेंगे. लेकिन उनलोगों को मलाल इस बात का है कि जब सबको सूखा राशन व भुगतान मिलता है, तो उनलोगों के साथ इस तरह का व्यवहार आखिर क्यों होता है. निर्वाचन आयोग द्वारा राशि मुहैया करायी गयी हो, तो होमगार्ड के जवानों के हिस्से की राशि की कटौती क्यों कर दी जाती है.विधानसभा चुनाव का भुगतान भी नहीं हुआबात सिर्फ पंचायत चुनाव की ही नहीं है. होमगार्ड के जवानों ने जैसा बताया, उसके मुताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में होमगार्ड के जवानों ने जो डयूटी दी, उसका भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है. पूछने पर समादेष्टा द्वारा कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया जाता. बस यही कहा जाता है कि अभी पैसा नहीं आया है. पैसा आते ही भुगतान हो जायेगा. जवानों का दर्द यह भी है कि नियमित ड्यूटी भी नहीं मिलती. पैसा भी कम है और ऊपर से भुगतान में भी देरी.

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